देश के विकास में सूचना और संचार क्रांति के योगदान को नकारा नहीं जा सकता. अब लोगों ने फेसबुक, व्हाट्सऐप और ट्विटर जैसी सोशल साइट्स के माध्यम से अपने महत्त्वपूर्ण विचारों व डौक्यूमैंट्स को आदानप्रदान का जरिया बना लिया है. ऐसे में अंधविश्वास, पोंगापंथ, झाड़फूंक व धर्म की दुकान चलाने वाले लोगों ने भी अपना ट्रैंड बदलना शुरू कर दिया है. धूर्त किस्म के बाबा सोशल साइट्स पर मौजूद करोड़ों लोगों को अपना निशाना बना कर ठगी का काम कर रहे हैं. इंटरनैट के माध्यम से ये बाबा बिना मेहनत के लोगों को गुमराह कर अपनी ठगी के जाल में फंसा रहे हैं.

पाखंडी बाबा दूर बैठ कर इंटरनैट के जरिए अपनी चमत्कारी शक्तियों से लोगों की समस्याओं के समाधान का दावा करने का वादा करते हैं और औनलाइन माध्यमों से अपने खाते में पैसा ट्रांसफर करवाते हैं.

लोगों को जब तक यह पता चलता है कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं तब तक वे काफी धन गंवा चुके होते हैं. ऐसे में बाबाओं द्वारा ठगी का शिकार व्यक्ति चाह कर भी कुछ नहीं कर पाता.

फेसबुक, व्हाट्सऐप पर ठगी

पहले जहां लोग परचे छाप कर बंटवाते थे. उस में लिखा होता था कि अमुक मात्रा में परचे बांटने से अमुक का बिगड़ा काम बन गया और जिस ने नहीं बांटे उस का भारी नुकसान हो गया. कुछ इसी तरह का ट्रैंड आजकल फेसबुक और व्हाट्सऐप पर भी देखने को मिल रहा है.

कुछ लोग तमाम देवीदेवताओं के फोटो अपलोड कर उन्हें अधिक से अधिक शेयर व लाइक करने की सलाह देते हैं. साथ ही ऐसा न करने पर पोस्ट पढ़ने वाले का भारी नुकसान होगा, ऐसी बातें भी लिखी होती हैं.

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