साल 2015 में केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के त्रावणकोर देवाश्वम बोर्ड के नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रयार गोपालकृष्णन ने मीडिया से बात करते हुए कथित तौर पर यह कहा था कि जब तक एअरपोर्ट पर हथियार चैक करने जैसी कोई स्कैन मशीन महिलाओं की पवित्रता जांचने के लिए उपलब्ध नहीं होती, तब तक महिलाओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित रहेगा. केरल के इस प्रसिद्ध तीर्थस्थल पर 10 से 50 साल की उम्र तक की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है. ऐसी मान्यता है कि मंदिर में प्रतिष्ठित देव अयप्पा ब्रह्मचारी थे. इसीलिए महिलाएं जिन्हें मासिकस्राव होता है, मंदिर में नहीं जा सकतीं. बात गोपालकृष्णन की सोच तक ही सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया के सभी बड़े धर्म और क्षेत्रीय धर्म हमेशा से ही आदमियों को औरतों से बचने के निर्देश देते हैं. 7वीं सदी के कवि सेमुरीदास का कहना है कि यहूदी के लिए औरत सब से बड़ा पाप है और आदमी उस से इच्छा और आवश्यकता से जुड़ा है. 125 ई. पूर्व की मनु स्मृति कहती है कि मर्द को फुसलाना औरत की आदत है और समझदार आदमी कभी इस के साथ बिना सुरक्षा के नहीं रह सकता. इस संसार में औरतें केवल मूर्खों को ही नहीं, बड़े से बड़े विद्वान को भी इच्छा और आशा का गुलाम बना देती हैं.

बाइबिल में वर्णित आदम और ईव की कहानी किस ने नहीं सुनी. यह कहानी चमकता उदाहरण है, जिस में आदमी को औरत के संसर्ग से बचने को कहा गया है. हम जानते हैं कि ईव आदम के लिए बनाई गई थी. आदम का जन्म मिट्टी से हुआ और ईव का गंदगी से. जब आदम ने ईव को दबाना चाहा तो वह चिल्ला पड़ी कि मैं भी मिट्टी से बनी हूं तो मैं नीचे क्यों लेटूं. तब लिलिथ शुरू हो गई और संसार की उत्पत्ति हुई. पश्चिम में लिलिथ को यौन संबंधों से नहीं, बल्कि मानव उत्पत्ति से जोड़ा गया है. प्रत्येक धर्म में औरत को गंदा और कामी माना गया है. इस का मुख्य श्रोत मासिकधर्म से जुड़ा है, जो केवल महिलाओं की यौन विशेषता है. अब तक के मानव इतिहास में आदमी औरत के मासिकधर्म को दया, घृणा और डर की नजर से देखता रहा है. धर्म ने तो औरत के खिलाफ और भी क्रूरता बरती है. कुछ पुराने धर्मग्रंथों में तो यहां तक कहा गया है कि मासिकधर्म के दौरान औरत का आदमी को छूना भी निषेध है. कुछ हिंदू धर्मग्रंथों में तो मासिकधर्म के दिनों में औरत को अपने बच्चों को देखने से भी मना किया गया है. इसलाम धर्म तो स्त्री को प्रदूषित (अपवित्र) तक मानता है. अन्य सभी धर्मग्रंथ भी मासिक के समय औरत को सब से अलग रखने की हिदायत देते हैं.

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