कुछ भारतीय विद्वान ज्योतिष को विज्ञान मानते हैं और इसे हजारोें वर्ष पुरानी मानते हैं. ज्ञान के देवता ब्रह्माजी थे, यह विद्या भी वहीं से प्रारंभ हुई जो महर्षि भास्कराचार्य तक पहुंची. भारतीय ज्योतिष त्रिकालदर्शी है, वह भूतकाल, वर्तमान और भविष्य तीनों बता सकता है. टीवी चैनलों पर ज्योतिष के कार्यक्रम और समाचारपत्रों में लंबे समय से राशिफल तथा ‘आज का दिन’ जैसे स्तंभों के अधीन ज्योतिष के कौलम प्रस्तुत किए जा रहे हैं. लाखों शिक्षितअशिक्षित, अमीरगरीब, सभ्य व ग्रामीण ज्योतिषियों के इर्दगिर्द चक्कर काटते नजर आते हैं. राजनेताओं से ले कर सरकारी कर्मचारियों तक सभी उंगलियों में विभिन्न प्रकार के पत्थरों वाली अंगूठियां डाले या जन्मपत्रिकाएं उठाए ज्योतिषियों से अपने सुखद समय के बारे में जानने का प्रयत्न करते हैं.

इतना ही नहीं, समाज में ज्योतिष का प्रवेश एक बच्चे के जन्म से ही हो जाता है जब उस की ‘जन्मपत्रिका’ बनवा ली जाती है. एक अनुमान के अनुसार, भारत में जन्म कुंडलियां बनाने वाले ज्योतिषियों की संख्या 10 लाख से ऊपर है. एक प्रसिद्ध ज्योतिषी हैं के एन राव, जो ज्योतिषियों की बहुत सारी बातें सही नहीं मानते और ‘कालयोग’ को सिरे से नकार रहे हैं परंतु ज्योतिष की शिक्षा के पक्षधर हैं. भाजपा के एक नेता ज्योतिष की शिक्षा को विश्वविद्यालयों में लागू करने के कट्टर समर्थक हैं. वे इसे वैदिक काल से चली आ रही एक महत्त्वपूर्ण विद्या मानते हैं.

कहा जाता है कि भारत के 45 विश्वविद्यालय ज्योतिष की शिक्षा बीए और एमए तक देने के लिए राजी हो गए थे. प्रसिद्ध वैज्ञानिक डा. यशपाल ने कहा, ‘‘टाइम पास करने के लिए ज्योतिष की शिक्षा हानिरहित है क्योंकि इस में लोगों की रुचि साफ दिखाई देती है.’’ प्रसिद्ध वैज्ञानिक डा. राजेश कोचर और डा. एन कुमार ने ज्योतिष विज्ञान को मानने से इनकार कर दिया. ज्योतिष के प्रति लोगों की रुचि के कारण इस में बाजारू ढंग तक आ गया है. बाजार में तोता और बैल भी मानव का भाग्य बताने लगे हैं. सदियों से तथाकथित धर्मगुरु और हमारे शास्त्र हमें समझा रहे हैं कि प्रत्येक व्यक्ति का जीवन भाग्य से निर्मित है. गरीब है तो अपने भाग्य से, अमीर है तो अपने भाग्य से. आज भी हम अपनी जन्मकुंडलियां ले कर ज्योतिषियों के पास घूम रहे हैं, यह जानने के लिए कि हमारे भाग्य में क्या है? क्या हमारी नौकरी में पदोन्नति होगी? क्या हमारा उद्योग फलेगा और फूलेगा? क्या मैं चुनाव जीतूंगा?

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