आज हम खुद में इतने सिमट गए हैं कि त्योहारों पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों से मिलने के बजाय फोन पर ही बात कर लेते हैं, फेसबुक, व्हाट्सऐप पर ही बधाई दे देते हैं, सोचते हैं कौन जा कर मिले, कौन घर बुलाए, इतनी दूर कौन जाए. पहले तो मेहमाननवाजी करो, फिर घर की सफाई करो, इस से तो बेहतर है कि घर पर छुट्टी का मजा लो और आराम करो. लेकिन जब बात उत्सव की आती है तो कहते हैं ‘त्योहारों का मजा अब कहां, मजा तो पहले आता था, कैसे सब मिल कर साथ मनाते थे, तरहतरह के पकवानों का मजा लेते थे.’

भले ही आज एकल परिवार हैं, जगह की दिक्कत है लेकिन अगर आप चाहें तो त्योहारों का मजा उसी तरह से ले सकते हैं जैसे आप पहले लिया करते थे. तो देर किस बात की, इस होली एक अच्छी सी पार्टी कर के अपने रिश्तेदारों व दोस्तों के  साथ होली का मजा लें.

लें जिम्मेदारी : कोई और शुरुआत करेगा, इस इंतजार में न बैठे रहें बल्कि खुद जिम्मेदारी ले कर आयोजन करें ताकि इस के जरिए आप व्यस्त जीवनशैली से आईर् दूरियों को मिटा सकें और होली के रंग से अपने रिश्तों में प्यार बढ़ा सकें.

तैयारी में न करें देरी : कई बार ऐसा भी होता है कि हम पार्टी के लिए सब को निमंत्रण तो दे देते हैं लेकिन सही तरीके से तैयारी नहीं करते, जिस का नतीजा यह होता है कि मेहमान घर पर बैठ कर हमारी बुराइयां कर रहे होते हैं और हम सोचते हैं कि एक तो बुलाओ और ऊपर से बातें सुनो. आप के साथ ऐसा कुछ न हो, इसलिए तैयारी में कोई कमी न छोड़ें.

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