विवाह को ले कर युवाओं की धारणा अब बदल रही है. पहले जहां सैक्स संबंध कायम होने के बाद शादी करने की मांग जोर पकड़ लेती थी वहीं अब सैक्स के बाद भी ऐसी मांग नहीं उठती. कई बार तो लिव इन रिलेशनशिप लंबी चलती रहती है. फिल्मों में ही नहीं सामान्यतौर पर भी कई दोस्त आपस में एकसाथ रहते हैं. अब सैक्स कोई मुद्दा नहीं रह गया है. जब कभी शादी की बात चलती है तो युवकयुवती दोनों की एक ही सोच होती है कि पहले आत्मनिर्भर हो जाएं व अच्छा कमाने लगें, जिस से जिंदगी अच्छी कटे, फिर शादी की सोचें.

केवल युवा ही नहीं, उन के पेरैंट्स भी शादी की जल्दी नहीं करते. वे भी सोचते हैं कि पहले बच्चे कुछ कमाने लगें उस के बाद ही विवाह की सोचें. जो बच्चे कमाने लगते हैं वे बाकी फैसलों की तरह शादी के फैसले भी खुद लेने लगे हैं.

सैक्स अब पहले की तरह समाज में टैबू नहीं रह गया है. युवा इस को ले कर सजग और जागरूक हो गए हैं, उन्हें घरपरिवार से दूर अकेले रहने के अवसर ज्यादा मिलने लगे हैं. जहां वे अपनी सैक्स जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. सैक्स को ले कर वे इतने सजग हो गए हैं कि अब उन को अनचाहे गर्भ या गर्भपात जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता. आज उन्हें गर्भ से बचने के उपाय पता हैं. पहले सैक्स एक ऐसा विषय था जिस पर लोग चर्चा करने से बचते थे. युवा जब इस विषय पर चर्चा करनी शुरू करते थे तब परिवार के लोग उन की शादी के बारे में सोचना शुरू कर देते थे. अब केवल युवक ही नहीं युवतियां तक अपने घर से दूर पढ़ाई, कंपीटिशन और जौब को ले कर शहरों में होस्टल या पीजी में अकेली रहने लगी हैं. ऐसे में सैक्स उन के लिए कोई मुद्दा नहीं रह गया है. अब युवाओं की प्राथमिकता है कि शादी की बात तब सोचो जब पैसे कमाने लगो.

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