जिंदगी बहुत छोटी है उसे खुल कर जिएं. कभीकभी हम स्वयं ही अपनी जिंदगी को उदासीन बना लेते हैं, इस की वजह है हमारी नकारात्मक सोच. यह सोच हमें चैन से जीने नहीं देती. पतिपत्नी के रिश्ते की बात की जाए तो यह एक बेहद खूबसूरत रिश्ता होता है, जिसे हम अकसर अपनी नकारात्मक सोच के कारण दांव पर लगा देते हैं. रिश्ते को बरकरार रखने के लिए व उसे खूबसूरती से जीने के लिए अपने मन से नकारात्मक विचारों को निकाल फेंकें, साथ ही सकारात्मक सोच के साथ खुशहाल जीवन जिएं.

स्वयं को बदलें

हमें हमेशा दूसरों को बदलने से पहले खुद को बदलने के बारे में सोचना चाहिए. दूसरों की सोच के बजाय पहले खुद की सोच को सकारात्मक बनाना होगा. सकारात्मक सोच परिस्थितियों में ही नहीं, दृष्टिकोण में भी बदलाव लाती है.

नकारात्मक सोच कई घरों को बरबाद कर चुकी है. नकारात्मक सोच के कारण हंसतेखेलते वैवाहिक जीवन में दरार पैदा हो जाती है. जब कहीं पर भी कोई भी कुछ भी घटता हो तो उसे अपने साथ जोड़ कर न सोचें, कि आप के परिवार के सदस्य भी ऐसा ही करते हैं.

तनाव दूर रखें

कई बार जिंदगी में बहुतकुछ ऐसा घटित होता है जिस पर हमारा बस नहीं चलता. ऐसे में अपने और अपने जीवनसाथी को नकारात्मक दिशा में सोचने से रोकने के लिए प्रयास करें. यदि आप के पार्टनर का समय सही नहीं चल रहा, तो उसे अपना पूरा सहयोग दें, न कि उसे नकारात्मक बातें बोल कर उस का मनोबल गिराएं.

आरोप प्रत्यारोप से बचें

हमेशा किसी कार्य के सफलतापूर्वक नहीं हो पाने पर पार्टनर पर आरोप न लगाएं कि उस की वजह से कार्य सफलतापूर्वक नहीं हो पाया या हमेशा यह कोसते रहना कि जब से तुम मेरी जिंदगी में आए हो, तभी से ऐसा हो रहा है. ऐसा वही बोलता है जो नकारात्मक सोच रखता है. तो जरूरी है कि एकदूसरे पर आरोप लगाने से बचें. आरोप लगाने से रिश्तों में तनाव के साथ कड़वाहट घुलती जाती है और फिर वे एक समय पर आ कर कमजोर पड़ जाते हैं.

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