स्टडैंट्स के लिए कालेज फैस्टिवल्स बड़ा महत्त्व रखते हैं, क्योंकि इन में खूब धमाल और मौजमस्ती होती है. इन फैस्टिवल्स में, कंपीटिशन, दोस्तों के साथ मस्ती तो होती ही है साथ ही ये खुद को स्मार्ट और आत्म्विश्वासी बनाने का अवसर भी प्रदान करते हैं. स्टूडैंट्स फैस्टिवल्स के बहाने नईनई स्किल्स सीखते हैं, ड्रैसिंग सैंस डैवलप करते हैं, संवाद की कला सीखते हैं और नएनए लोगों से अपनी पहचान भी बढ़ाते हैं. इस से उन का सोशल नैटवर्क तो बढ़ता ही है, आत्मविश्वास और पर्सनैलिटी में भी निखार आता है.

खुद से व शिक्षकों से नई पहचान

अंतरा करवड़े, जो रेडियो लेखन के साथसाथ इंदौर में ‘अनुध्वनि’ नामक अनुवाद वाणी सेवा संस्थान का संचालन भी करती हैं, का मानना है कि कालेज में होने वाले समारोह हमें अपने उन गुणों से परिचित करवाते हैं, जिन के बारे में हमें ही जानकारी नहीं होती. किसी में नेतृत्वक्षमता अच्छी होती है तो किसी में तुरंत समाधान खोजने की, कोई बड़े समूह का बड़ी आसानी से प्रबंधन कर सकता है तो किसी के संपर्क इतने अच्छे होते हैं कि उस का हर काम आसानी से हो जाता है. साथ ही वे प्राध्यापक जो अब तक केवल पढ़ाई, परीक्षा, अंक और अनुभव की बातें करते दिखाई देते थे, उन का एक मित्र के रूप में परिचय होता है.

इस प्रकार बने कुछ अनौपचारिक रिश्ते आगे चल कर बड़े महत्त्वपूर्ण बन जाते हैं. ऐसे में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए मंच तो मिलता ही है साथ ही मंचीय शिष्टाचार, भाषा, हावभाव और स्थिति के मुताबिक चीजों को तुरंत मैनेज करने जैसी बातें भी सीखने को मिलती हैं, इन कालेज के मंचों पर.

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