सवाल
मैं 25 वर्षीया विवाहिता हूं. मेरा दांपत्य जीवन सुखमय नहीं है. इस की वजह भी मैं स्वयं को ही मानती हूं. मेरे पति मुझे बेहद प्यार करते हैं. मैं भी उन्हें चाहती हूं. पर सारा दिन ठीक रहने के बाद रात को मैं पति को उदास और नाराज कर देती हूं. कारण जब भी वह मुझ से सहवास की चेष्टा करते हैं तो मैं बिदक जाती हूं.
सहवास तो दूर उन्हें चुंबन और आलिंगन तक नहीं करने देती. इस से उन का नाराज होना स्वाभाविक है. विडंबना यह है कि जब पति मेरे पास नहीं होते तब मेरा मन उन के लिए व्यग्र हो उठता है. उन से संबंध बनाने का भी मन करता है. मैं क्या करूं कि मैं पति को दैहिक सुख दे पाऊं?
जवाब
आप की समस्या का हल आप के पास ही है. आप को समझना चाहिए कि सैक्स दांपत्य की धुरी है इसलिए पति जब आप के साथ सहवास का प्रयास करे तो इच्छा न होने पर भी आप को उन के प्रति समर्पण रखना चाहिए. स्त्री की शारीरिक संरचना भी ऐसी है कि बिना प्रयास के भी वह पति की कामेच्छा पूरी कर सकती है.
आप को सिर्फ मानसिक रूप से थोड़ा सक्रिय होने की आवश्यकता है और आप से दैहिक सुख लेना आप के पति का अधिकार है. इसलिए आप को उन्हें इस से वंचित नहीं करना चाहिए. सहवास में आप की सक्रियता से आप अनुभव करेंगी कि आप का दांपत्य कैसे महक उठेगा.
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सैक्स प्लैजर है ?
‘‘और्गेज्म क्या होता है? क्या यह सैक्स से जुड़ा है? मैं ने तो कभी इस का अनुभव नहीं किया,’’ मेरी पढ़ीलिखी फ्रैंड ने जब मुझ से यह सवाल किया तो मैं हैरान रह गई.‘‘क्यों, क्या कभी तुम ने पूरी तरह से सैक्स को एंजौय नहीं किया?’’ मैं ने उस से पूछा तो वह शरमा कर बोली, ‘‘सैक्स मेरे एंजौयमैंट के लिए नहीं है, वह तो मेरे पति के लिए है. सब कुछ इतनी जल्दी हो जाता है कि मेरी संतुष्टि का तो प्रश्न ही नहीं उठता है, वैसे भी मेरी संतुष्टि को महत्त्व दिया जाना माने भी कहां रखता है.’’