सवाल
मैं 30 वर्षीय विवाहिता व 1 बेटे की मां हूं. मैं ने प्रेम विवाह किया है. विवाह जज्बातों में बह कर जल्दीबाजी में लिया गया फैसला नहीं था. हमारा प्रेम संबंध 8 वर्षों तक चला. जब हमें लगा कि हम दोनों एकदूसरे के लिए परफैक्ट मैच हैं तब हम ने विवाह किया.

हम सिक्किम के रहने वाले हैं. विवाह के बाद हम मुंबई आ गए, क्योंकि वहां पति एक कौल सैंटर में नौकरी करते थे. मुंबई आ कर साल भर हम ने खूब मस्ती की. मेरे पति मेरा बहुत खयाल रखते.

1 साल के बाद मैं गर्भवती हो गई. इस के साथ ही मैं ने नोटिस किया कि पति की दिलचस्पी मुझ में दिनोंदिन कम होती जा रही है. नियमित सहवास करने वाले पति कईकई दिनों तक संबंध नहीं बनाते थे. प्रसवोपरांत भी उन के रवैए में कोई बदलाव नहीं आया.

फिर बच्चे की देखरेख भलीभांति हो, इस के लिए मुझे गांव अपनी मां के पास छोड़ आए. वहां छोड़ने के बाद तो वे मुझ से और मेरे बेटे से पूरी तरह चिंतामुक्त हो गए. कईकई दिनों तक फोन भी नहीं करते थे. मैं ही बीचबीच में फोन कर लेती थी. फोन पर भी उन्होंने कभी खुल कर बात नहीं की. सिर्फ उतनी ही बात करते जितनी मैं पूछती.

उन की बेरुखी देख कर मैं चिंतित थी. बारबार उन से वापस ले जाने की गुजारिश करती. पूरे साल भर के बाद वे गांव लौटे. इतने अरसे बाद भी उन्होंने मुझ से न तो खुल कर बात की और न ही रात को सहवास किया. अलबत्ता मैं बहुत बेसब्र थी, इसलिए मैं ने आलिंगन में ले चुंबन आदि कर के पहल भी की पर इतने पर भी उन्होंने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और करवट बदल कर सो गए. मेरे कुरेदने पर भी कि वे इस तरह का व्यवहार क्यों कर रहे हैं, उन्होंने कुछ नहीं बताया.

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