लखनऊ में सपना चौधरी के डांस का कार्यक्रम भले ही आयोजकों की गलती से न हो पाया हो पर प्रशासन ने सपना चौधरी के खिलाफ भी मुकदमा कायम कर दिया. पुलिस ने धोखाधड़ी का यह मुकदमा कायम करने से पहले यह भी पता करने की कोशिश नहीं की थी कि सपना चौधरी ने क्या धोखा किया.

लखनऊ के बाद इलाहाबाद में सपना चौधरी का कार्यक्रम था तो वहां भी जिला प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी. इसी तरह से आगरा में भी सपना चौधरी के कार्यक्रम को प्रशासन अनुमति नहीं दी.उत्तर प्रदेश में सपना चौधरी के कार्यक्रम की अनुमति न देने के पीछे प्रशासनिक वजहों के साथ राजनीतिक वजहें भी हैं.

अपने कार्यक्रमों के जरिये भीड़ को एकत्र करने में सपना चौधरी हिंदी क्षेत्र की सबसे बड़ी कलाकार हैं. वह एक शो का 8 से 10 लाख रूपया लेती हैं. उनको सुनने और देखने हजारों लाखों की संख्या में लोग आते हैं. सपना चौधरी कांग्रेस पार्टी के साथ हैं. उनकी कांग्रेस के बड़े नेताओं से मुलाकात भी हो चुकी है. यह बात भी सामने आई कि सपना चौधरी कांग्रेस ज्वाइन करके लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रचार भी कर सकती हैं.

सपना चौधरी को लेकर कई शो आयोजित करने वाले लोग मानते हैं कि सपना चौधरी के राजनीतिक कदम उठाने के बाद से उनके कार्यक्रमों पर रोक का सिलसिला बढ़ गया है. इस वजह से लगता है कि भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार सपना की लोकप्रियता से कांग्रेस को लाभ न मिले इस लिये उसके शो का आयोजन नहीं होने दे रही है. वही प्रशासन का तर्क है कि सपना चौधरी के कार्यक्रम में आई भीड़ से तोड़फोड़ की आशंका से अनुमति न देने के कदम उठाने पड़ते हैं.

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