अब गुजरात गौरव यात्रा से ले कर केरल की जनरक्षा यात्रा तक योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्व के ब्रैंड के रूप में भाजपा द्वारा पेश किया जा रहा है. इन राज्यों के चुनावों में सफलता मिली तो 2019 के लोकसभा चुनावों में योगी का बड़े पैमाने पर प्रयोग होगा. हिंदुत्व के हिट होने से रोजगार और विकास की बातें कम होंगी. नोटबंदी और जीएसटी के कुप्रभावों पर चर्चा नहीं हो सकेगी. पार्टी को आशा है कि हिंदुत्व के मुद्दे के बहाने यशवंत सिन्हा जैसे अपनी पार्टी के विरोधी नेताओं की आवाज को दबाया जा सकता है. योगी को हिंदुत्व के ब्रैंड के रूप में प्रयोग कर के भाजपा ने संकेत दे दिया है कि आने वाले चुनाव  वह धर्म के आधार पर ही लड़ना चाहती है. धर्म की लकड़ी की कड़ाही बारबार आग पर चढ़ाई जा सकती है, यह धर्मों का इतिहास स्पष्ट करता है.

गुजरात से ले कर केरल तक भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धर्म का ब्रैंड एंबैसडर बना कर चुनाव प्रचार में उतार रही है. वह योगी ब्रैंड के सहारे केरल में अपनी जड़ें जमाने के प्रयास में है. भाजपा पहली बार उत्तर प्रदेश के किसी नेता को इतनी प्रमुखता से हिंदी राज्यों के बाहर चुनावप्रचार में उतार रही है. इस की सब से खास वजह योगी आदित्यनाथ की हिंदुत्व वाली छवि और उन का भगवा पहनावा है.

योगी आदित्यनाथ के पक्ष में एक बड़ी बात यह भी है कि गुजरात और केरल दोनों जगहों में उत्तर प्रदेश के लोगों की संख्या काफी है. योगी आदित्यनाथ का भगवा पहनावा हिंदुत्व की कट्टर छवि पेश कर देता है, जिस के बाद भाजपा को किसी और तरह के मुद्दे को उठाने की जरूरत नहीं रह जाती है. अयोध्या आने वाले पर्यटकों में बड़ी संख्या गुजरात और केरल के लोगों की रहती है. यह बात शायद भाजपा के जेहन में नहीं है कि उन दोनों राज्यों में उत्तर प्रदेश से वे लोग गए जो गांवों की गरीबी और जाति व धार्मिक अत्याचारों से पीडि़त व बेहद गरीब थे.

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