सत्यापन ऐसी सरकारी कार्यवाही है जिस से गुंडों, मवालियों और बदमाशों से ज्यादा शरीफ लोग कांपते हैं, क्योंकि यह नेककाम पुलिस वालों के करकमलों द्वारा संपन्न होता है. सत्यापन की एक और खूबी इस का बिना दक्षिणा के न होना है और  अगर दक्षिणा मुंहमांगी दी जाए तो घोर बेईमान आदमी भी हरिश्चंद्र और सत्यवान होने का प्रमाणपत्र हासिल कर सकता है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नया फरमान यह है कि अब अयोध्या में रह रहे अंदरूनी और बाहरी साधुसंतों का सत्यापन किया जाएगा. रामचरित मानस में बाबा तुलसीदास बहुत पहले ही बता गए थे कि कलियुग का एक लक्षण साधुसंतों पर संदेह करना भी होगा पर हैरत की बात यह है कि यह शक साधुओं की बिरादरी के ही एक मुखिया द्वारा किया जा रहा है. यह वाकई ईश्वर के दूतों का अपमान है जिस के पीछे योगी की मंशा आपराधिक छवि वाले साधुसंतों की पहचान करना है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...