रामायण में शूर्पणखा की नाक कटने वाला प्रसंग पसंदीदा प्रसंगों में से एक है. गांवदेहातों में आज भी जिस किसी महिला को बेइज्जत करना होता है उसे नकटी कह दिया जाता है. यह कोई नहीं सोचता कि अप्रितम सौंदर्य की स्वामिनी शूर्पणखा की गलती आखिर क्या थी. उस ने तो जंगल में 2 सुकुमारों को देख कर उन्हें प्रपोज भर किया था. यह बात हर साल 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के मौके पर सोशल मीडिया पर वायरल जरूर होती है.

लेकिन इस दफा वैलेंटाइन डे के 10 दिन पहले ही, दूसरे तरीके से शूर्पणखा वाला प्रसंग संसद से वायरल हुआ जब राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से यह गुजारिश करते नजर आए थे कि आप रेणुकाजी को कुछ मत कहिए क्योंकि ‘रामायण’ सीरियल के बाद ऐसी हंसी सुनने का सौभाग्य आज मिल रहा है.

नरेंद्र मोदी की मंशा चंद घंटों में देशभर में फैलाने में भाजपा आईटी सैल के मुखिया अमित मालवीय ने गजब की फुरती दिखाई और ट्वीट कर लोगों से पूछा कि आप को किस किरदार की याद आई. कुछ देर बाद खुद अमित मालवीय ने ही रामायण में शूर्पणखा की नाक कटने वाला फोटो साझा कर डाला जिस से एक कांग्रेसी नेत्री की नाक कटने जैसी सुखद अनुभूति सभी को हो.

रहीसही कसर केंद्रीय राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने पूरी कर डाली. उन्होंने बाकायदा रामायण सीरियल का वह दृश्य फेसबुक कर शेयर किया जिस में राम के आदेश पर लक्ष्मण अट्टहास लगाती शूर्पणखा की नाक तलवार से काट रहा है.

देखते ही देखते रेणुका चौधरी और शूर्पणखा की यह तुलना वक्त काटने का जरिया बन गई. राज्यसभा का संदर्भ प्रसंग भूलभाल कर लोग शूर्पणखा की हंसी और कटी नाक पर चर्चा करने लगे और यही  नरेंद्र मोदी चाहते थे कि लोग संसद की कार्यवाही को गंभीरता से न लें, बल्कि शूर्पणखा जैसे ढेरों पौराणिक पात्रों व मनोरंजक प्रसंगों में उलझे रहें.

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