जे एन यू में शुक्रवार शुरू हुई मतगणना देर रात ही रोकनी पड़ी. समिति का आरोप है कि एक अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी ने चुनाव समिति और चुनाव समिति की महिला सदस्यों के साथ मारपीट की.

संगठनों ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं ने यह उत्पात मचाया है. कहा जा रहा है की हार की सूचना से बौखलाए एबीवीपी समर्थकों ने मारपीट और तोडफोड़ की है. फिलहाल एबीवीपी ने इस बारे में अभी तक कोई टिप्पणी नही दी है.

जेएनयू में हो रहे छात्रसंघ चुनाव को लेकर शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्टर वायरल होने पर बाद विवाद खडा हो गया. इस पोस्टर को एबीवीपी का बताया जा रहा है. जिसमें छात्राओं के हित से जुड़े कई वादे किये गए हैं. इसमें कहा गया है कि बदलाव के लिए हमें वोट दें. संगठन का कहना है कि यदि  जीत हमारी हुई तो विश्वविद्यालय में छात्राओं के छोटे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाएंगे व सभी ढाबों पर मांसाहारी भोजन की बिक्री बंद करवा दी जाएगी.

चुनाव समिति के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि 2012 में सुप्रीम कोर्ट की लिंगदोह समिति की सिफारिशों को जेएनयू में लागू किया गया. उसके बाद से निरंतर समिति की सिफारिशों के अनुरूप ही चुनाव होते रहे हैं. बीते सात वर्षों में कभी 60 फीसद भी वोट नहीं पडे, अपितु इस बार 68 फीसद मतदान हुआ है.

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