उत्तर प्रदेश में सडक से लेकर जेल तक में अपराध बढ रहे हैं. बागपत जेल में बंद माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या सुबह 6 बजे हो गई. मुन्ना बजरंगी झांसी जेल से पेशी पर आया था. बागपत जेल में बंद गैंगस्टर सुनील राठी पर हत्या का आरोप है. कुछ समय पहले ही मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपने पति की हत्या की साजिश रचे जाने का अंदेशा जताते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुरक्षा की अपील की थी. एडीजी जेल चन्द्र प्रकाश ने कहा कि सुबह 6 बजे झगड़े के दौरान गोली मारी गई. मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या से जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुये हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार ने आननफानन में जेलर उदय प्रताप सिंह, डिप्टी जेलर शिवाजी यादव, हेड वार्डन अरजिदंर सिंह, वार्डन माधव कुमार को सस्पेंड कर दिया. इसके साथ ही साथ ज्यूडिशियल इंक्वायरी गठित की गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मामले की जांच सख्ती से होगी जो दोषी होगा उसको बक्शा नहीं जायेगा.

मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह था. उसका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था. उसके पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाने का सपना संजोए थे. मगर प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी ने उनके अरमानों को कुचल दिया. मुन्ना बजरंगी को पढ़ने की जगह पर हथियार रखने का शौक हो गया था. वह फिल्मों की तरह एक बड़ा गैंगेस्टर बनना चाहता था. यही वजह थी कि 17 साल की नाबालिग उम्र में ही उसके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. जौनपुर के सुरेही थाना में उसके खिलाफ मारपीट और अवैध असलहा रखने का मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद मुन्ना अपराध के दलदल में धंसता चला गया.

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