अमेरिका के हुए महत्वपूर्ण मध्यावधि चुनाव में सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी को झटका लगा है.  विरोधी दल डेमोक्रेट्स ने कांग्रेस के निचले सदन हाउस औफ रिप्रजेंटेटिव को छीन लिया. हालांकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने उच्च सदन सीनेट में अपना बहुमत बरकरार रखा है. डेमोक्रेट्स ने सत्ता में रिपब्लिकन पार्टी का एकाधिकार तोड़ दिया है. उसे निचले सदन में 24 से अधिक सीटों का फायदा हुआ है.

अमेरिकी संसद के हाउस औफ रिप्रजेंटेटिव्स में डेमोक्रेटिक पार्टी के संख्याबल से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए उन के एजेंडे पर आगे बढ़ने का रास्ता अब आसान नहीं होगा. प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेट्स के कब्जे के बाद अब फैसलों पर कांग्रेस की निगरानी रहेगी.

435 सीटों वाली कांग्रेस में इस बार 96 यानी सब से ज्यादा महिलाएं जीत कर आई हैं. इन में से दो मुस्लिम महिलाएं, दो अमेरिकन इंडियन और अश्वेत महिलाएं शामिल हैं. विजयी महिलाओं में ज्यादातर डेमोक्रेट्स हैं. सदन में रिपब्लिक पार्टी के पास 235 सीटें थीं जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी की 193 सीटें थीं.

अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय अमेरिकियों के समूह कथित समोसा कौकस के सभी 4 निवर्तमान सदस्य प्रतिनिधि सभा के लिए फिर से चुन लिए गए. इन में प्रमिला जयपाल, राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना और एमी बेरा को जीत मिली.

क्यों होते हैं मध्यावधि चुनाव?

अमेरिकी संसद में ऊपरी सदन सीनेट व निचला हाउस औफ रिप्रजेंटेटिव है. राष्ट्रपति चुनाव के दो साल बाद मध्यावधि चुनाव होते हैं. इन चुनावों में अमेरिकी संसद में जनप्रतिनिधि व प्रांतों के गवर्नर चुने जाते हैं.

नतीजों के संकेत साफ है कि राष्ट्रपति ट्रंप के लिए और कठिन हालात बन जाएंगे जो आव्रजन, कर और स्वास्थ्य देखभाल सुधारों समेत उन के कुछ अहम मुद्दों पर व्यापक विधायी परिवर्तन चाहते हैं. इन नतीजों से माना जा रहा है कि 2020 में राष्ट्रपति चुनावों में दोनों प्रमुख दलों के बीच राजनीतिक कड़वाहट बढेगी और इन के बीच कांटे का मुकाबला होगा.

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