दिल्ली की गंदगी पर सुप्रीम कोर्ट तक कई बार सख्त टिप्पणियां कर चुका है पर इस के बावजूद सफाई और सफाई कर्मचारियों को वेतन देने के मुद्दे पर दिल्ली सरकार और भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम आमनेसामने है.

पूर्वी दिल्ली निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल 29 दिनों तक चली और इस दौरान आम आदमी पार्टी और भाजपा नेताओं के बीच रोज तकरारें होती रहीं. सफाई के लिए एकदूसरे को दोषी ठहराया जाता रहा.

दिल्ली नगर निगम तीन हिस्सों में बंटा हुआ है. पूर्वी दिल्ली निगम, उत्तरी और दक्षिणी निगम. तीनों निगमों में भाजपा का राज है जबकि दिल्ली में सरकार आम आदमी पार्टी की है. साफसफाई का काम स्थानीय निकायों का है.

दिल्ली निगम के कर्मचारी वेतन, दिवाली पर बोनस और अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने जैसी कुछ मांगों को ले कर हड़ताल पर थे. सफाई कर्मचारियों ने धरने, प्रदर्शन किए. पुलिस ने लाठियां बरसाईं. हड़ताल के दौरान दिल्ली में सफाई का काम ठप्प हो गया सड़कों, गलियों में कूड़ेकचरे के ढेर लग गए. कई कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया.

उधर नेता आपस में एकदूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल कर खड़े हो गए. दिल्ली सरकार ने कहा कि केंद्र ने सफाई कर्मियों का पैसा दिया नहीं है जबकि दिल्ली भाजपा के नेताओं का कहना था कि पैसा केंद्र तो दे चुका है पर आम आदमी पार्टी की सरकार ने कर्मचारियों के हिस्से का पैसा नहीं दिया. केंद्र सरकार ने दिल्ली को आवंटित पैसे का सही उपयोग न करने का आरोप लगाया.

केंद्र सरकार यह भुगतान करने को तैयार है. सरकार ने कहा है कि वर्ष 2018-19 के लिए आवंटित 790 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान के अलावा अतिरिक्त धनराशि देने की गुंजाइश नहीं है. इस आवंटन के 325 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं.

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