उत्तर प्रदेश में किसान के सामने सबसे बड़ी परेशानी छुट्टा जानवरों की है. पहले बुंदेलखंड के इलाकों में "अन्ना प्रथा" के नाम पर छुट्टा जानवर छोड़े जाते थे. उस समय वहां खेत मे फसल नहीं होती थी. आज पूरे प्रदेश में यह हाल है कि किसान दिन भर खेत की रखवाली करता है रात में आवारा पशुओं का झुंड उसको बर्बाद कर देता है.

ऐसे में किसानों को खेतों में तारबंदी करानी पड़ रही जो महंगी है. किसानों की जमीनों के झगड़े निपट नही रहे . सरकार इन मुद्दों को दरकिनार कर कृषि कुंभ का आयोजन कर किसानों को भरमाने का काम कर रही है. सरकार को लगता है कि बड़े आयोजन करके छोटी छोटी परेशानियों को दरकिनार किया जा सकता है.

लखनऊ में तीन दिवसीय कृषि कुंभ का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी आदित्य ने अपनी सरकार की वाहवाही करते  कहा  की उत्तर प्रदेश में यह ऐतिहासिक कृषि कुंभ मेला पहली बार आयोजित किया जा रहा है हम इस तकनीक के सहारे उत्तर प्रदेश में कृषि की संभावनाओं को और मजबूती प्रदान करने का काम करेंगे जिससे लागत में कमी और उत्पादन में वृद्धि हो सके. कृषि के क्षेत्र में इजरायल और जापान ने काफी तरक्की की है जिनकी तकनीक के माध्यम से हम अपने प्रदेश में भी समृद्धि ला सकेंगे इससे हमारा सीधा लक्ष्य है कि किसानों आय दुगनी की जा सके.

23 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश के लिए भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को 20 नए कृषि विज्ञान केंद्र समर्पित किए हैं ताकि हम किसानों और अन्य दाताओं को उन्नति की ओर अग्रसर कर सकें. देश के अंदर गांव गरीब किसान और नौजवान महिलाएं तथा समाज के प्रत्येक पिछड़े तबके के वर्ग को हमें आगे ले जाना है जिससे उनकी मंशा पता चलती है कि पहली बार किसी सरकार ने इस वर्क को अपने एजेंडे में रखा हैं.

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