एक तरफ खेल को बढ़ावा देने के लिए सरकार बड़ीबड़ी बातें करती है वहीं दूसरी तरफ हौकी इंडिया ने सरकार को धमकी दी है कि अगर पर्याप्त धनराशि मुहैया न कराई तो राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पुरुष और महिला टीम को नहीं भेजा जाएगा.

हौकी इंडिया के महासचिव नरेंद्र बत्रा का कहना है कि भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साई ने उन्हें सूचित किया है कि 31 मार्च तक के लिए उन के पास 31 लाख रुपए बचे हैं. इस धनराशि से टीम हौकी को एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेने के लिए नहीं भेजा जा सकता है.

बत्रा का कहना है कि हमें एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल और भारत में चैंपियन ट्रौफी में हिस्सा लेना है और इस के लिए हम ने साई को वर्ष 2014-15 के लिए 38 करोड़ रुपए का बजट दिया था. लेकिन उन्होंने महज 10 करोड़ रुपए ही दिए जिन में से अप्रैल से ले कर जून तक 9.69 करोड़ रुपए खर्च भी हो चुके हैं. अब इतनी कम धनराशि में भला हौकी टीम को खेलों के लिए कैसे भेजा जा सकता है, जबकि पिछले वर्ष 24 करोड़ रुपए दिए गए थे.

एक ओर जहां क्रिकेट की दुनिया में  एक खिलाड़ी पर लाखोंकरोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय खेल हौकी के पास इतना पैसा नहीं है कि वह राष्ट्रमंडल व एशियाई खेलों में शिरकत कर सके. इस से शर्मनाक बात हौकी के लिए और क्या होगी.

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