गंगा नदी को लेकर 2014 में भाजपा नेता नरेंद्र मोदी और उमा भारती सहित नेताओं के भावुक भाषण अभी भी लोगों को याद हैं. ‘गंगा मां ने बुलाया है’ नरेंद्र मोदी का यह भाषण भाजपा के प्रचार का प्रमुख हिस्सा बन गया था. नरेंद्र मोदी ने गुजरात को छोडकर उत्तर प्रदेश की पवित्र गंगा नगरी वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया. उस समय गंगा को न केवल निर्मल बनाने की बात हुई बल्कि गंगा को परिवहन का साधान बनाने और उसको हुगली बंदरगाह तक जोड़ने की बात हुई. कहा गया कि गंगा के माध्यम से नदी परिवहन को बढ़ावा दिया जायेगा. जिससे लोग इलाहाबाद और वाराणसी से पटना और हुगली तक का सफर स्टीमर से तय हो सकें. गंगा पर भावुक प्रचार ने भाजपा को केवल उत्तर प्रदेश में ही 73 सांसद दे दिये. केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी नरेंद्र मोदी पहली बार भाजपा कर बहुमत वाली सरकार के मुखिया बन गये. लोकसभा चुनाव के बाद भी भाजपा का विजय रथ चलता रहा. देश के इतिहास में पहली बार भाजपा ने पूरे देश में अपना परचम लहरा दिया.

गंगा को लेकर ‘नमामि गंगे‘ नाम से एक महत्वाकांक्षी योजना बनी. गंगा की दूसरी बड़ी पुजारी, पूर्व मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री का पद संभाल चुकी अनुभवी उमा भारती को गंगा विकास से जुडे विभाग का मंत्री बनाया गया. मंत्री बनने के बाद उमा भारती ने कहा कि अगर वह 5 साल में गंगा को निर्मल नहीं कर पाई तो गंगा में ही जल समाधि ले लेंगी. 2014 से 2018 के बीच गंगा में बहुत सारा पानी बह गया. गंगा निर्मल न हो सकी. उमा भारती का विभाग बदल दिया गया. उमा भारती गंगा को निर्मल नहीं कर पाई.

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