दिल्ली के केजरीवाल सरकार के विधायकों पर 2 मामलों में आज रोगी कल्याण मामले पर राहत मिल गई है. लाभ का पद के एक अन्य मामले पर चुनाव आयोग में सुनवाई चल रही है और 20 विधायकों की सदस्यता पर संशय अभी भी बरकरार है. इस मामले की गंभीरता इसी से जाहिर है कि आम आदमी पार्टी के विधायकों की रातों की नींद उङी हुई है और वे कोर्ट तक जाने से कन्नी काट रहे हैं.

आयोग द्वारा खारिज

वैसे रोगी कल्याण समिति मामले पर चुनाव आयोग ने पार्टी के सभी 27 विधायकों के खिलाफ लगे लाभ के पद के आरोपों को खारिज कर दिया है. यह आरोप दिल्ली के कई अस्पतालों से जुड़ी रोगी कल्याण समितियों के प्रमुख के रूप में नियुक्तियों के बाद लगा था.

इस तरह की याचिकाएं राष्ट्रपति के पास भेजी जाती हैं जो उन्हें चुनाव आयोग के पास भेजते हैं. इस के बाद आयोग अपनी राय देता है जिस के आधार पर राष्ट्रपति आदेश देते हैं.

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी किए गए एक आदेश के मुताबिक समितियां परामर्श देने का काम करती हैं. इस में स्वास्थ्य सुविधाओं, रणनीतियां बनाने आदि में मदद मिलती हैं.

लाभ का पद के एक अन्य मामले पर लटकी है तलवार

लाभ के एक अन्य पद पर 20 विधायकों पर लाभ लेने का आरोप है जिस पर आयोग द्वारा जल्द फैसला सुनाए जाने की संभावना है. अगर फैसला विरोध में गया तो 20 विधायकों की सदस्यता समाप्त हो जाएगी और खाली हुए जगहों पर फिर से चुनाव कराना पड़ सकता है.

टकराव से नुकसान किसे

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