केंद्रीय सरकार देश में उद्यमिता को बढ़ावा देने और स्टार्टअप कार्यक्रम को और ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए उद्यमियों, विशेषकर नए उद्यमियों, को प्रोत्साहित करने के लिए नईनई योजनाओं को लागू कर रही है. देशभर में औद्योगिकीकरण को तेजी से विकसित किया जा सके, इस के लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना प्रोत्साहन के तहत उद्यमियों के अंश में से कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ का दोतिहाई हिस्सा वहन करने का जिम्मा केंद्र सरकार ने खुद ले लिया है.

श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री संतोष गंगवार का कहना है कि इस से नए उद्यमियों पर आर्थिक भार कम होगा. गारमैंट टैक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में उद्यमिता को इस योजना के तहत ज्यादा प्रोत्साहित किया जा सके, इस के लिए उद्यमियों का ईपीएफ का पूरा अंश सरकार ही भरेगी. मंत्री का कहना है कि देश में औद्योगिकीकरण का माहौल बनाने और निवेशकों की मदद एवं प्रोत्साहन के लिए प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना लागू है. इस के तहत नया उद्योग लगाने पर केंद्र सरकार पहले 3 वर्षों तक नियोक्ता द्वारा दिए जाने वाले 12 प्रतिशत अंश के ईपीएफ में से 8.33 प्रतिशत सरकार वहन करेगी, उद्यमी सिर्फ 3.67 प्रतिशत ही अंशदान करेगा.

सरकार के इस कदम से लघु तथा मझोले उद्योग क्षेत्र में प्रवेश करने वाले नए कारोबारियों को मदद मिलेगी और देश में कारोबार करने का माहौल निश्चितरूप से उत्साहजनक होगा. सरकार को इस पहल के साथ ही उन कंपनियों पर भी ध्यान देना चाहिए जिन के नियोक्ता अपने कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं कर पा रहे हैं और इस का खमियाजा बड़ी संख्या में कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है. कर्मचारियों को पैंशन नहीं मिल पा रही है और समय पर उन्हें पीएफ का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है.

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