यह हुस्न, यह मदभरी जवानी.

यह गुलाबी खिलाखिला बदन.

जुल्फों में महकती गजरे की खुशबू

आंखों से छलकती मस्तियां

सब तुम्हारे लिए हैं सजन.

बांहों में उठा कर, गले से लगा कर

लूट प्यार का मजा.

दिल में?प्यार के अरमां लिए

आंखों में हजारों सपने लिए

सोलह सिंगार किए

सजन मैं ने तेरे लिए.

बांहों में उठा कर, गले से लगा कर

लूट प्यार का मजा.

 

- बाबूराम बोध

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...