न उदास हो, न हो तू खफा
मेरे साथ चल, मेरे साथिया
तू है चांदनी मेरे बाम की
तू इबादतों का सिला मेरी
थे खिलाफ अपनेपराए सब
बड़ी मुश्किलों से है तू मिली
तू न होना मुझ से कभी जुदा
मेरे साथ चल, मेरे साथिया
यों न देख, मुझ से हटा नजर
कभी मेरे दिल की भी ले खबर
मेरे जिस्म में, मेरी जान में
तेरे ख्वाब चुभते हैं टूट कर
यों खामोश रह के न दे सजा
मेरे साथ चल, मेरे साथ
- आलोक यादव
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
सब्सक्रिप्शन के साथ पाए
500 से ज्यादा ऑडियो स्टोरीज
7 हजार से ज्यादा कहानियां
50 से ज्यादा नई कहानियां हर महीने
निजी समस्याओं के समाधान
समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...
सरिता से और