फिल्म हो या टीवी सीरियल, हर माध्यम में लेखक की भूमिका अहम होती है. मगर बौलीवुड में लेखक को कोई महत्व ही नहीं दिया जाता. एक फिल्म के सफल होने का सारा श्रेय फिल्म में अभिनय करने वाले कलाकार ही बटोर लेते हैं. इन कलाकारों का मानना है कि सब कुछ वही करते हैं. जबकि सबसे बड़ा सच यह है कि यदि फिल्म की कहानी अच्छी न हो, पटकथा अच्छी न लिखी गयी हो, तो फिल्म का निर्देशक व कलाकार की सारी मेहनत बेकार हो जाती है.पर इस सच को स्वीकार करने का साहस कोई कलाकार या निर्देशक नहीं दिखाता. मगर दो दिन पहले 12 अगस्त को प्रदर्शित हो रही अपनी फिल्म ‘‘रूस्तम’’ के प्रचार के मद्देनजर मीडिया से बात करते हुए अक्षय कुमार ने इस सच को अपरोक्ष रूप से स्वीकार किया.

वास्तव में जब कुछ पत्रकारों ने अक्षय कुमार से सवाल किया कि फिल्म ‘‘रूस्तम’’ में उन्होंने एक देशभक्त इंसान, पत्नी से प्यार करने वाला तथा हत्यारे का किरदार निभाया है. इस तरह के किरदार को निभाना उनके लिए कितना कठिन था. इस सवाल पर अक्षय कुमार ने कहा-‘‘एक कलाकार के तौर पर इस तरह के किरदार निभाना मेरे लिए कभी भी मुश्किल नहीं होता. हम तो वही कैमरे के सामने अभिनय करते हैं, जो कि फिल्म की पटकथा में लिखा होता है. मगर यह काम पटकथा लिखने वाले लेखक के लिए जरुर कठिन होता है. मुझे तो सिर्फ अभिनय करना होता है.’’

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