भारत व पाकिस्तान के बीच राजनैतिक स्तर पर शांति स्थापित करने की कोशिशें रंग नहीं ला रही हैं. आए दिन दोनों देशों के बीच कोई न कोई नया विवाद या नए तरह का तनाव पैदा होता रहता है. ऐसे माहौल के बीच भारत की मीडिया कंपनी ‘‘जी एंटरटेनमेंट इंटरप्रायजेस लिमिटेड’’ ने ‘‘जील फार यूनीटी’’ की घोषणा कर एक नया कदम उठाया है. ‘‘जील फार यूनीटी’’ के तहत भारत व पाकिस्तान की आवाम को एक दूसरे के प्रति सोचने व समझने का मौका देकर एक बदलाव लाने की दिशा में काम किया जा रहा है. इसी के तहत छह भारतीय और छह पाकिस्तानी फिल्मकार इस मंच पर एक साथ इकट्ठा हुए है. इन लोगों ने दोनों देशों में भाई चारा व अमन चैन स्थापित करने के लिए फिल्में बनायी हैं, जो कि बहुत जल्द दोनो देशों में रिलीज की जाएंगी. इसी मकसद से 15 मार्च को वाघा बार्डर, अमृतसर पर दोनो देशों के सभी छह छह यानी कि कुल बारह फिल्मकार मिले और पारस्परिक रूप से शांति एवं सौहार्द को प्रोत्साहित करने पर बल दिया.

वाघा बार्डर से छह पाकिस्तानी फिल्मकारों खालिद अहमद, महरीन जब्बार, मीनू फरजाद, सबीहा समर, शाहबाज समर व सिराज उल हक का ‘जील’ के पुनीत गोयंका, शैलजा केजरीवाल व सुनील बुच के साथ छह भारतीय निर्देशकों केतन मेहता, अपर्णा सेन, तिग्मांशु धुलिया, बेजाय नांबियार, निखिल अडवाणी ने स्वागत किया. उसके बाद  वाघा बार्डर से एक किलोमीटर दूर अमृतसर के ‘सरहद रेस्टोरेंट’ में मीडिया से इन फिल्मकारों ने लंबी चौड़ी बातें की. इस मौके पर तिग्मांशु धुलिया ने कहा कि उन्हे भारत पाक विभाजन की गलती के लिए माफी मांगने का अवसर मिला है.

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