हर साल की तरह इस बार भी औस्कर के दरबार में भारत की तरफ से एक फिल्म बतौर एंट्री भेजी गई है. फिल्म का नाम है ‘विसरानाई’. चूंकि इस फिल्म को 2015 में सर्वश्रेष्ठ तमिल फीचर फिल्म, सर्वश्रेष्ठ सहअभिनेता और सर्वश्रेष्ठ संपादन के लिए 3 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले हैं, इसलिए इसे भारत की ओर से भेजा गया है.

हालांकि औस्कर रेस में ‘उड़ता पंजाब’, ‘तिथि’, ‘सैराट’, ‘नीरजा’, ‘फैन’, ‘सुलतान’ ‘एयरलिफ्ट’ जैसी फिल्में भी थीं लेकिन चयनकर्ताओं को यही फिल्म ठीक लगी. फिल्म आटो ड्राइवर आटो चंद्रन द्वारा लिखे उपन्यास पर आधारित है. एक तरह से बायोपिक है क्योंकि कहानी, लेखक की आपबीती है. उसे 1983 में एक झूठे केस में अरेस्ट किया गया और फिर जेल में उस के साथ जिस तरीके से बर्बरता की गई, उन्हीं अनुभवों के आधार पर उन्होंने उपन्यास लिखा.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...