रवींद्रनाथ टैगोर ने 1914 में एक उपन्यास ‘‘घारे बायरे’’ लिखा था, जिस पर 1984 में इसी नाम से सत्यजीत रे ने एक बंगाली फिल्म का निर्माण किया था. जो कि एक चर्चित फिल्म थी. अब उसी उपन्यास पर हिंदी और बंगाली दो भाषाओं में संगीत प्रधान फिल्म ‘‘अर्धांगनी-एक अर्ध सत्य’’ नामक फिल्म का निर्माण रिचा मुखर्जी ने किया है, जिसमें सुबोध भावे, श्रीलेखा मित्रा, सुब्रत दत्ता, वर्षा उसगांवकर ने अभिनय किया है.

फिल्म की निर्माता व निर्देशक रिचा मुखर्जी कहती हैं-‘‘यह एक ऐसी फिल्म है,जो धीरे धीरे आगे बढ़ती है और लंबे समय तक दर्शकों के दिलों में बसी रहेगी. यह मेरी अति महत्वाकांक्षी फिल्म है’’

ल्म की कहानी की पृष्ठभूमि में अंग्रेज शासकों की वह नीति है, जब वह ‘फूट डालो और राज करो’ नीति पर चल रहे थे. फिल्म में हिंदू मुस्लिम टकराव भी है. तो वहीं उस वक्त का राजनीतिक आंदोलन भी है.

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