बॉलीवुड से जुड़े लोगों की महिमा अपरंपार है. यह वह लोग हैं जो हर घटना में अपना प्रचार करने की राह निकाल ही लेते हैं. 27 जनवरी, शुक्रवार के दिन जयपुर में जब फिल्म ‘पद्मावती’ के सेट पर राजपूत करणी सेना के कुछ लोगों द्वारा अपना विरोध प्रकट करते हुए संजय लीला भंसाली को थप्पड़ मारने के साथ-साथ शूटिंग के उपकरणों को क्षति पहुंचायी, तो बॉलीवुड के कई फिल्मकार व कुछ कलाकार संजय लीला भंसाली के साथ खडे़ हो गए.

शनिवार, 28 जनवरी की शाम होते-होते प्रचार के भूखे अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने भी इस बहती गंगा में हाथ धो लेने के मकसद से खुद को संजय लीला भंसाली के साथ खड़े होने का संकेत देते हुए अपने ट्विटर एकाउंट पर जाकर अपने नाम के साथ ‘‘राजपूत”  सरनेम हटाते हुए लिखा- ‘‘हम लोग आज तक यातना भोगते आए हैं, क्योंकि हम सभी अपने-अपने सरनेम के साथ जुड़े हुए हैं. यदि आप में ताकत है, तो अपनी पहचान के लिए सिर्फ पहला नाम रखे.’’ सुशांत सिंह राजपूत के इस कदम के चलते वह देखते ही देखते टीवी समाचार चैनलों व अखबारों की सुर्खियों में छा गए.

मगर दो दिन बीतने के साथ ही वह फिर से अपने पुराने रंग में रंग गए. सोमवार, 30 जनवरी की सुबह सुशांत सिंह राजपूत ने ट्विटर पर पुनः अपना सरनेम ‘राजपूत’ जोड़ लिया, तो क्या दो दिन पहले ट्विटर पर सरनेम “राजपूत” हटाने का उनका ऐलान महज पब्लिसिटी स्टंट था या ऐसा कर उन्होंने संजय लीला भंसाली का मजाक उड़ाया था?

सुशांत सिंह राजपूत के इस कदम की अब जब ट्विटर पर आलोचना हो रही है, तो सुशांत सिंह राजपूत ने ट्विटर पर ऐसे लोगों को जवाब देते हुए लिखा है- ‘‘मूर्ख, मैंने अपना सरनेम नहीं बदला है. आपके अंदर साहस है, तो जान ले कि मैं आपसे से दस गुना ज्यादा राजपूत हूं. मैं डरपोक व कायरतापूर्ण घटना के खिलाफ हूं.’’

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