समय बड़ा बलवान होता है. समय और नियति इंसान को कहां से कहां ले जाए, कोई नहीं जानता. सॉफ्टवेअर इंजीनियर पिता व अर्थशास्त्री मां के बेटे सूरज शर्मा तो कालेज में प्रोफेसर बनने का सपना देख रहे थे, मगर जब वे साल 2012 में 18 साल की उम्र में दिल्ली के सेट स्टीफन कॉलेज से दर्शन शास्त्र की पढ़ाई कर रहे थे, तभी उन्हे ऑस्कर विजेता हौलीवुड फिल्मकार एंगली के निर्देशन में फिल्म ‘‘लाइफ आफ पई’’ में पाई का किरदार निभाने का अवसर मिल गया. पहले सूरज शर्मा ने इस फिल्म में अनमने मन से काम करना स्वीकार किया था, पर बाद में सेट पर हर किसी को 15 से 18 घण्टे मेहनत करता देख वे भी मेहनत से काम करने लग गए. फिल्म ‘‘लाइफ आफ पाई’’ की शूटिंग खत्म होने के बाद भी सूरज का इरादा फिल्मों से जुड़ने का नहीं था. लेकिन ‘‘लाइफ आफ पाई’’ ने इतनी सफलता बटोरी कि उसके बाद सूरज शर्मा के सामने इतनी फिल्मों के ऑफर आ गए कि वे अभिनय से ही जुड़ गए और साथ ही उन्होने न्यूयार्क स्कूल से फिल्म मेंकिंग की पढ़ाई भी शुरू कर दी.

फिल्म ‘लाइफ आफ पाई’ के बाद सूरज शर्मा ने ‘मिलियन डॉलर आर्म’ व ‘उमरिका’ जैसी फिल्मों के अलावा अमरीकन टीवी सीरीज ‘‘होमलैंड’’ भी किया. अब उन्होने पहली बौलीवुड फिल्म ‘‘फिलौरी’’ की है, जिसकी निर्माता अनुष्का शर्मा हैं. फिल्म ‘‘फिलौरी’’ में सूरज शर्मा के अलावा मेहरीन परजादा, अनुष्का शर्मा व दिलीजीत दोषांज की अहम भूमिकाएं हैं.

सूरज शर्मा भले ही धीरे धीरे फिल्मों का हिस्सा बनते जा रहे हैं, मगर उनकी मंशा कुछ और ही है. हाल ही में जब हमारी उनसे बात हुई, तो सूरज शर्मा ने ‘‘सरिता’’ पत्रिका से एक्सलूसिब बात करते हुए कहा कि ‘‘सच यही है कि मैने अभिनेता बनने के बारे में कभी सोचा नहीं था. मुझे तो फिल्में देखने का भी कभी शौक नहीं रहा. मेरी रूचि फुटबाल खेलने में थी. फुटबाल भी मैंने दसवी व ग्यारहवीं तक खेला. हम फुटबाल में सभी को हरा देते थे. मेरी भविण्य को लेकर योजना कॉलेज में प्रोफेसर बनने की थी. मैंने फिलॉसफी भी पढ़ी है, पर प्रोफेसर बन नहीं पाया. पर मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक ठाक हुआ, तो दिल्ली में मेरी इरादा फुटबाल अकादमी खोलने का है. यह मेरा सपना है.’’

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