बौलीवुड में चर्चाओं का दौर जारी है. यूं तो उपरी सतह पर यही नजर आ रहा है कि ‘‘फैंटम’’ के विकास बहल के खिलाफ ‘यौन उत्पीड़न’ की शिकायत के बाद से यहां भूचाल सा आया है, तो कुछ लोग इसे भारतीय फिल्म उद्योग में स्टूडियो सिस्टम की घोर विफलता मान रहे हैं.

वास्तव में जब भारत में हौलीवुड की तर्ज पर स्टूडियो सिस्टम की शुरूआत हुई, तो सबसे अधिक चर्चा में ‘‘रिलायंस इंटरटेनमेंट’’ ही आया था, इसने तमाम कलाकारों को अनाप-शनाप पारिश्रमिक राशि देकर अपनी कंपनी की फिल्मों में अभिनय करने के लिए अनुबंधित किया था, पर रिलायंस निर्मित फिल्मों ने बॉक्स आफिस पर पानी तक नही मांगा. अंततः एक दिन ‘रिलायंस इंटरटेनेमंट’ ने फिल्म निर्माण से तौबा कर ली और यहीं से स्टूडियो सिस्टम की बौलीवुड में समाप्ति का दौर शुरू हो गया था.

उसके बाद विकास बहल की दिमाग की उपज के रूप में ‘फैंटम’ का प्रादुर्भाव हुआ था. फैंटम में विकास बहल के साथ अनुराग कष्यप, विक्रमादित्य मोटावणे और मधु मैंटोना जुड़े हैं, फिर ‘फैंटम’ के साथ रिलायंस इंटरटेनमेंट भी जुड़ा, फिलहाल ‘‘फैंटम’’ में पचास प्रतिशत की भागीदारी ‘रिलायंस इंटरटेनमेंट’ की है, जबकि बाकी के पचास प्रतिशत में विकास बहल, अनुराग कष्यप, मधु मैंटोना व विक्रमादित्य मोटावणे की साढ़े बारह-साढ़े बारह प्रतिशत की हिस्सेदारी है. जब से ‘रिलायंस इंटरटेनमेंट’ की ‘फैंटम’ में भागीदारी हुई, तब से फिल्म वितरण का काम रिलायंस इंटरटमेंट द्वारा ही किया जाने लगा था, पर निर्णय अब भी ‘फैंटम’ से जुड़े लोग ही करते आ रहे हैं. ‘फैंटम’ फिल्म निर्माण भी कर रहा है.

‘फैंटम’के साथ हाथ मिलाने के बाद ‘रिलायंस इंटरटेनमेंट’ ने जितनी भी फिल्में वितरित की, उन्होने ‘फैंटम’ व ‘रिलायंस इंटरटेनमेंट’ को डुबाया. प्राप्त आंकड़ों के अनुसार ‘रिलायंस इंटरटेनमेंट’ को ‘रामन राघव 2’ से 6 करोड़, ‘ट्रैप्ड’ से 5 करोड़, ‘ऑल इज वेल’ से साढ़े आठ करोड़, ‘बीएफजी’ से साढे़ तीन करोड़ का नुकसान हुआ है. इतना ही नहीं सूत्रों की माने तो ‘फैंटम’ में कार्यरत लोगों को प्रति वर्ष 12 करोड़ रूपए पारिश्रमिक राशि दी जा रही है, जबकि अब तक इस कंपनी ने एक पैसा भी नहीं कमाया, जिसके चलते पिछले दो सालों से अंदर ही अंदर आपस में काफी गाली-गलौच हो रही थी. फिल्मों से संबंधित सारे निर्णय अनुराग कश्यप ले रहे थे. आर्थिक पक्ष विकास बहल देख रहे थे, तो स्वाभाविक तौर पर इन दोनों के बीच घमासान मचा हुआ था.

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