फिल्म ‘आर राजकुमार’ के अश्लील गीत ‘गंदी बात’ से अभिनेता शाहिद कपूर इतने प्रभावित हुए कि गंदी बात टाइटल ही रजिस्टर्ड करवा लिया. अक्षय कुमार निजी जिंदगी में नशा नहीं करते लेकिन फिल्मों में ‘हां, मैं एल्कोहोलिक हूं’ शान से गुनगुनाते दिखते हैं. पंजाब में ड्रग्स और नशे की समस्या बहुत ही गंभीर है. बहुत अच्छी बात है कि इस पर निर्माता अनुराग कश्यप ने ‘उड़ता पंजाब’ नाम की फिल्म बनाई. इस फिल्म को ले कर जो बात सब से ज्यादा खटकती है वह यह है कि फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ वह बौलीवुड ले कर आया, जिस ने पंजाबी गायकों और हिंदीपंजाबी गीतों के साथ मिल कर पंजाब को उड़ाने में खुद बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. यह विडंबना है कि पंजाब में जैसेजैसे पंजाबी पौप का क्रेज बढ़ा, वैसेवैसे वहां नौजवानों पर नशे व ड्रग्स का शिकंजा भी कड़ा होता गया. ड्रग्स के बढ़ते प्रभाव के साथ वहां ऐसे गायकों की फौज भी बढ़ती गई है. इन गायकों को अपनी कला का इस्तेमाल युवाओं को गलत राह पर जाने से रोकने के लिए करना चाहिए था, मगर उन्होंने ऐसा करने के बजाय उसे बढ़ावा ही दिया. चिंता की बात यह है कि कहीं से कोई आवाज भी नहीं उठी. सब बाजार से नोट खींचने में जुटे रहे.

पंजाबी गानों में और अब उन की देखादेखी अनेक हिंदी गानों में भी, नशे और शराब को मर्दानगी से जोड़ दिया जाता है. इस के बाद इन गानों को इस प्रकार से फिल्माया जाता है कि जैसे शराब पीना, ड्रग्स लेना बड़े शान की बात हो. ये गाने सीधा संदेश देते हैं कि जो शराब नहीं पीता, नशा नहीं करता, वह पंजाबी है ही नहीं, या मर्द है ही नहीं. कुछ उदाहरण देखें : ‘जिन्नी तेरी कालेज दी फीस झल्लिए, ऐनी नागनी जट्टा दा पुत्त खांदा तड़के...’ इस गाने में लड़की से लड़का कह रहा है कि जितनी तुम्हारी कालेज की फीस है, उतने की तो जाट का बेटा सुबहसुबह नागनी (अफीम) खा लेता है.

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