देश की सरकार बदलने के साथ ही भारतीय सिनेमा किस तरह बदलता है, इसका अहसास पिछले दो सालों से प्रदर्शित हो रही फिल्मों से लगाया जा सकता है. लगभग हर दूसरा फिल्मकार अपनी फिल्म में देशप्रेम अथवा उन कुछ मुद्दों को अपनी फिल्म का हिस्सा बना रहा है, जिनकी चर्चा हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं. फिर चाहे वह नारी उत्थान हो, बेटी बचाओ हो या स्वच्छता अभियान हो या फिर हाल ही में उठा शिक्षा का मुद्दा. इतना ही नहीं एक फिल्मकार ने तो सरकारें बदलने के साथ ही अपनी फिल्म ‘‘भावेश जोशी’’ की कहानी तक बदल डाली और यह एक कड़वा सच है.

‘उड़ान’ और ‘लुटेरा’ जैसी फिल्मों के निर्देशक विक्रमादित्य मोटावानी ने 2011 में सिस्टम के खिलाफ लड़ने वाले व सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने वाले एक गुस्सैल युवक की कहानी पर फिल्म ‘‘भावेश जोशी’’ का निर्माण शुरू किया था, जिसमें उन्होने अभिनय करने के लिए हर्षवर्धन कपूर को चुना था. मगर बाद में यह फिल्म नहीं बनी. पर 2016 के अंतिम माह में इसकी शूटिंग शुरू हुई और अब यह फिल्म आधे से ज्यादा बन भी चुकी है, पर 2011 में इस फिल्म की जो कहानी थी, वह अब नहीं रही.

वास्तव में इस सच से सबसे पहले परदा पिछले दिनों ‘‘सरिता’’ पत्रिका से खास बातचीत करते हुए खुद हर्षवर्धन कपूर ने ही उठाया था. हषवर्धन कपूर ने उस वक्त कहा था कि उन्होने खुद ‘भावेश जोशी’ करने से मना किया था. ‘‘सरिता’’ पत्रिका से बात करते हुए हर्षवर्धन कपूर ने कहा था ‘‘मैं अपना अभिनय करियर फिल्म ‘भावेश जोशी’ से शुरू करने वाला था. मेरी पहली बातचीत विक्रमादित्य मोटावानी के साथ फिल्म ‘भावेश जोशी’ के लिए हुई थी. उस वक्त इस फिल्म की पटकथा कांग्रेस सरकार की पृष्ठभूमि में लिखी गयी थी थी, क्योकि उस वक्त केंद्र और महाराष्ट् में कांग्रेस की सरकार थी और उस वक्त मैं 21 साल का था और कहानी 26 से 28 साल की उम्र के युवक की थी, तो मुझे लगा कि मैं बहुत युवा हूं, इसलिए नहीं वो फिल्म मैंने नहीं की.’’

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