लगभग 25 साल पहले बलदेव राज चोपड़ा के दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक ‘‘महाभारत’’ में अभिनय कर शोहरत बटोरने के बाद कई कलाकार राजनीति का हिस्सा बनते हुए ‘भारतीय जनता पार्टी’ में शामिल होकर सांसद बन गए थे. उसके बाद इन में से कोई भी कलाकार अभिनय के क्षेत्र में कोई खास उपलब्धि हासिल नही कर पाया.
ऐसे ही कलाकारों से एक हैं- ‘महाभारत’ में भगवान कृष्ण का किरदार निभाने वाले अभिनेता नितीश भारद्वाज. मगर नितीश भारद्वाज यह नहीं मानते कि वह असफल हैं या स्टार नहीं बन पाए. बहरहाल, वह आशुतोष गोवारिकर की फिल्म ‘‘मोहनजो दारो’’ में दुर्जन का किरदार निभाकर उत्साहित हैं, जो कि शरमन का चाचा है. और शरमन के किरदार में हृतिक रोशन हैं.
जब हाल ही में नितीश भारद्वाज से हमारी मुलाकात हुई ,तो हमने उनसे सीधा सवाल किया कि क्या वह राजनीति से जुड़ने के अपने निर्णय को सही मानते हैं? इस पर ‘‘सरिता’’ पत्रिका से नितीश भारद्वाज ने कहा- ‘‘कोई भी निर्णय सही या गलत नहीं होता है. निर्णय के सही या गलत होने का फैसला तो समय करता है.
देखिए, इंसान जानबूझकर कोई गलत निर्णय नहीं लेता है. पर इंसान के निर्णय को सही या गलत समय ठहराता है. परिस्थितियां ठहराती हैं. इतना ही नहीं उसे सही या गलत मानना भी उस व्यक्ति पर ही निर्भर करता है. मैं अपनी राजनीतिक पारी को सही मानता हूं. क्योंकि मुझे सही भारत देखने का मौका मिला. मुंबई में जन्मे और परवरिश पाए लोग भारत को सही अर्थो में कहां समझ पाते हैं.
सांसद की हैसियत से मुझे भारत के तमाम राज्यों के गांवों में जाने, वहां के लोगों से मिलने, वहां के लोगों की आस्था, उनकी समस्याओं, उनकी खुशी आदि का हिस्सा बनने का मौका मिला. जिससे मुझे बहुत कुछ समझने का अवसर मिला. इससे मैंने देश के संस्कार और उसकी विविधता को जाना है, जिसका फायदा मुझे आने वाले फिल्मी कैरियर में मुझे मिलेगा.’’