आशुतोष गोवारीकर ने बौलीवुड में अपने करियर की शुरूआत 1984 में केतन मेहता की फिल्म ‘होली’ में बतौर अभिनेता की थी. उसके बाद उन्होंने ‘सर्कस’, ‘सीआईडी’ सीरियलों के अलावा ‘नाम’, ‘चमत्कार’ सहित कई फिल्मों में अभिनय किया. पर अभिनय की गाड़ी को रफ्तार न पकड़ते देख आशुतोष गोवारीकर ने 1993 में ‘पहला नशा’ फिल्म निर्देशित कर निर्देशन के क्षेत्र में कदम रख दिया.

फिल्म ‘लगान’ ने उन्हें निर्देशक के तौर पर एक पहचान दिलायी. लेकिन अफसोस की बात यह रही कि ‘लगान’ के बाद उनकी किसी भी फिल्म ने सफलता नहीं बटोरी. हालिया प्रदर्शित फिल्म ‘मोहनजो दाड़ो’ ने तो उनको काफी नुकसान  पहुंचाया. सूत्रों की माने तो फिल्म ‘मोहनजो दाड़ो’ की असफलता ने आशुतोष गोवारीकर को पुनः अभिनय की तरफ मोड़ दिया.

मजेदार बात यह है कि एक वक्त वह था जब आशुतोष गोवारीकर ने प्रियंका चोपड़ा को फिल्म ‘व्हाट इज योर राशि’ में अभिनय करने का अवसर दिया था, और अब प्रियंका चोपड़ा ने अपनी होमप्रोडक्षन की मराठी भाषा की फिल्म ‘वेंटीलेटर’ में अभिनय करेन का अवसर दिया है, जिसका निर्देशन ‘सफारी की सवारी’ जैसी सफलतम हिंदी फिल्म के निर्देशक राजेश मपुस्कर ने निदेर्शित किया है.

यह एक अलग बात है कि फिल्म ‘वेंटीलेटर’ के निर्देशक राजेश मपुस्कर का दावा है कि उन्होंने ही आशुतोष गोवारीकर को अपनी फिल्म में अभिनय करने के लिए तैयार किया. वह कहते हैं, ‘‘आशुतोष के पास समय नहीं था. वह तो अपनी फिल्म ‘मोहनजो दाड़ो’ में व्यस्त थे. पर मुझे अपनी फिल्म ‘वेंटीलेटर’ के एक किरदार के लिए वही चाहिए थे. इसलिए मैंने उनसे कई बार निवेदन किया. जब वह तैयार हुए, तो मैं खुश हो गया. अब जबकि फिल्म प्रदर्शन के लिए तैयार है, तो मैं कह सकता हूं कि आशुतोष गोवारीकर ने जबरदस्त परफार्मेंस दी है.’’

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