अभिनेता और नेता रहे विनोद खन्ना का निधन 70 साल की उम्र में होने के बाद पूरे हिंदी सिनेमा जगत में शोक की लहर दौड़ गयी है. फिल्म फेटर्निटी ने इस दिवंगत अभिनेता को श्रधांजलि देने के लिए अपने सभी कामकाज रोक दिए है. बृहस्पतिवार करीब 11.20 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली. वे ब्लैडर कैंसर से पीड़ित थे और काफी समय से बीमार चल रहे थें. बीच में उनकी एक जीर्ण अवस्था की फोटो वायरल भी हुई थी. ‘दिलवाले’ फिल्म में अंतिम बार वे नजर आये थे.

विनोद खन्ना ने दो शादियां की थी. पहली पत्नी गीतांजलि थी जिनसे 1985 में तलाक हो गया था. बाद में उन्होंने कविता से शादी की. उनके तीन बेटे अक्षय खन्ना, राहुल खन्ना और साक्षी खन्ना हैं.

साल 1968 में ‘मन का मीत’ फिल्म से बॉलीवुड में एक लम्बी पारी खेलने वाले अभिनेता विनोद खन्ना ने विलेन के रोल से अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद वह फिल्म ‘मेरे अपने’, ’मेरा गांव मेरा देश’, ‘इम्तिहान’, ‘इनकार’, ‘लहू के दो रंग’, ‘कुर्बानी’, ‘दयावान’ और ‘जुर्म’ जैसी कई फिल्मों में अभिनय के लिए जाने जाते रहे. हालांकि उनका जन्म पेशावर में हुआ था, पर विभाजन के समय वे अपने अपने परिवार के साथ मुंबई आ गए थे. यहां अपनी पढाई पूरी करने के बाद वे अभिनय की ओर मुड़े.

फिल्मों में काम करना उनके लिए आसान नहीं था, उनके पिता व्यवसायी थें और चाहते थें कि वे भी पढ़ लिखकर उनके व्यवसाय में शामिल हों. एक बार उन्होंने एक अवॉर्ड फंक्शन में कहा था कि जब उन्हें पहली फिल्म का ऑफर मिला था और उन्होंने घर पर कहा था तो पिता ने उनको डांटते हुए बंदूक तान ली थी, लेकिन मां के समझाने पर वे राजी हुए और कहा था कि उन्हें अपने आप को सिद्ध करने के लिए केवल दो साल मिलेंगे, अगर वे कामयाब नहीं हुए तो वापस उनके व्यवसाय में हाथ बटाएंगे.

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