बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दूसरे राज्यों में जा कर सभाएं करना और भारतीय जनता पार्टी व नरेंद्र मोदी पर तंज कसना उन के सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल को हजम नहीं हो रहा है.

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तो अपने ‘छोटे भाई’ की इस अदा पर चुप्पी साधे हुए हैं, पर उन के करीबी और पार्टी के थिंक टैंक कहे जाने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह को नीतीश कुमार का यह रवैया ठीक नहीं लग रहा है. वे कहते हैं कि अपने सियासी फायदे के लिए नीतीश कुमार सहयोगी दलों की अनदेखी कर रहे हैं. उन्होंने उन से कुछ तल्ख सवाल पूछे हैं, जैसे आखिर उन्हें प्रधानमंत्री का उम्मीदवार किस ने बना दिया? किस हैसियत से वे मिशन-2019 की बात कर रहे हैं? क्या अकेले घूम कर नीतीश कुमार सैकुलर ताकतों को कमजोर नहीं कर रहे हैं? दूसरे राज्यों में सभा करने से पहले नीतीश कुमार को क्या सहयोगी दलों से बात नहीं करनी चाहिए? क्या उन्हें भरोसे में नहीं लेना चाहिए? वगैरह.

इतना ही नहीं, नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि पहले तो 10 सालों तक नीतीश कुमार ने खूब शराब बिकवाई और अब कूदकूद कर उसे बंद कराने में लगे हैं. नरेंद्र मोदी की सरकार देश में जो बीमारी फैला रही है, उसे ठीक करना अकेले नीतीश कुमार के बूते की बात नहीं है. ‘हम’ सब से बड़े हैं, यह भावना ठीक नहीं है.

नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच की तनातनी की सब से बड़ी वजह नीतीश कुमार की उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाने की कोशिश है और लालू प्रसाद यादव यह नहीं चाहते हैं. नीतीश कुमार बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली कामयाबी को पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भुनाना चाहते हैं, जबकि लालू प्रसाद यादव इस मसले पर खामोश हैं. वे नहीं चाहते हैं कि महागठबंधन उत्तर प्रदेश में उन के समधी को कोई चुनौती दे या उन के लिए किसी भी तरह की परेशानी खड़ी करे.

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