बिहार में नरेंद्र मोदी को पटखनी देने के बाद अब नीतीश कुमार दिल्ली पहुंच कर मोदी को चुनौती देंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नरेंद्र मोदी के कद के बराबर खड़ा करने की तैयारी उनकी पार्टी जदयू ने कर दी है. पिछले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के सामने बौने नजर आए नीतीश कुमार ने ताजा बिहार विधानसभा चुनाव में अपने कद को बड़ा साबित कर डाला. विधानसभा चुनाव में नीतीश को मात देने के लिए मोदी को खुद ही मैदान में उतरना पड़ा था, लेकिन 243 सीटों वाली विधानभा में भाजपा को 53 सीटों पर समेट कर नीतीश-लालू गठबंधन ने मोदी को धूल चटा कर आम चुनाव की हार का बदला लिया.

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह साफ लहजे में कहते हैं कि नीतीश कुमार की अगुवाई में नेशनल लेवल पर राजनीतिक मंच बनाने की मुहिम शुरू की गई है. बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन को मिली कामयाबी के बाद दूसरे राज्यों में भी महागठबंधन बनाने की कोशिशें की जा रही हैं. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम और केरल में होने वाले विधानभा के चुनाव में जदयू बड़ी भूमिका निभाएगा. सभी राज्यों में नीतीश प्रचार के लिए जाएंगे और जिन दलों के साथ गठबंधन बनेगा उसके लिए प्रचार करेंगे.

पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के हाथों जदयू को मिली करारी हार के बाद नीतीश ने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दी और जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया था. 2009 के आम चुनाव में जदयू को 20 सीटें मिली थी पर 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी की लहर में उसे केवल  2 सीटों पर ही जीत मिली ओर भाजपा 12 से 32 सीटों पर पहुंच गई थी. उसके बाद पिछले साल 243 सदस्यों वाले बिहार विधानसभा में महागठबंधन ने 178 सीटों पर कब्जा कर लिया है. इसमें जदयू की झोली में 71, राजद के खाते में 80 और कांग्रेस के हाथ में 27 सीटें गई हैं. विधानसभा चुनाव के हीरे नीतीश और लालू ही रहे. पिछले विधानसभा में 22 सीट पर सिमटने वाले राजद ने इस बार 80 सीटें जीत ली. वहीं दूसरी सबसे बड़ी फतेह कांग्रेस को मिली है, जो 4 से 27 सीटों तक पहुंच गई है. महागठबंधन ने राजग को महाझटका देते हुए उसे 58 सीट पर समेट डाला. 

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