कांग्रेस नेता राहुल गांधी की किसानों को यात्रा को प्रचार का तडका देने के लिये 5000 खटिया रैली स्थल पर खासतौर पर लाई गई. यह खटिया पूरी तरह से कमीशन बाजी का शिकार हो गई. खटिया इतनी घटिया क्वालिटी की बनी थी कि बैठते ही टूटने लगी. राहुल गांधी की सभा के खत्म होने के पहले ही सभा में आये लोग टूटी-फूटी घटिया क्वालिटी की खटिया तक लेकर भागने लगे. इन खटिया को देख कर लगता है कि यह किस तरह केवल देखने मात्र के लिये तैयार कराई गई थी.

राहुल कि किसान यात्रा पर खटिया विवाद इस कदर छा गया कि विरोधी दलो से लेकर मीडिया तक में किसान यात्रा की जगह पर खटिया विवाद हावी रहा. इसके पीछे कांग्रेसियों की ही साजिश नजर आती है. मीडिया को हवा देने में प्रशांत किशोर विरोधी गुट की भूमिका अहम है. राहुल की किसान यात्रा कांग्रेस की गुटबाजी का शिकार हो कर खटिया यात्रा में बदल गई.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 6 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रूद्रपुर विधानसभा के पंचलडी गांव से किसान यात्रा की शुरूआत की. यही दूधनाथ मंदिर परिसर में राहुल गांधी की पहली खाट सभा का आयोजन किया गया. दिल्ली, बिहार और लखनऊ से 5 हजार खटिया मंगवाई गई थी. यह बेहद खराब किस्म की थी. गाव में ऐसी खटिया आमतौर मरने के बाद होने वाले मृत्युभोज के समय दी जाती है. अपनी यात्रा की शुरूआत के पहले राहुल गांधी ने दूधनाथ मंदिर में पूजापाठ भी किया. यहां राहुल ने जल और बेलपत्र चढाकर पूजा की.

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