शराबबंदी को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री के बीच सियासी और जुबानी गोलीबारी तेज होती जा रही है. नीतीश बिहार के बाद पड़ोसी राज्य झारखंड में भी शराबबंदी की मुहिम छेड़ चुके हैं और वहां की महिलाओं को शराब के खिलाफ जागरुक बना रहे हैं. पिछले 10 मई को नीतीश ने झारखंड के धनबाद जिले से शराबबंदी की मुहिम शुरू की थी, जिससे रघुवर दास बेचैन हो उठे हैं.

रघुवर ने नीतीश को साफ तौर पर कह दिया है कि झारखंड में बिहार मौडल नहीं, बल्कि गुजरात मौडल ही चलेगा. नीतीश झारखंड में अपनी मर्जी थोपने की कोशिश नहीं करें. वहीं नीतीश रघुवर की खिल्ली उड़ाते हुए कहते हैं कि उनकी शराबबंदी की मुहिम से भाजपा खेमें में घबराहट फैल चुकी है. वहीं रघुवर नीतीश को झूठा मुख्यमंत्री तक करार दे चुके हैं.

पिछले 20 जून को प्रेस कान्फ्रेंस में रघुवर दास ने नीतीश को सबसे झूठा मुख्यमंत्री करार देते हुए कहा कि नीतीश ने उन्हें झारखंड के 29 हजार गांवों का नक्शा सौंपने का वादा किया था, पर उसके लिए फीस की पहली किश्त जमा करने के बाद भी नक्शा नहीं सौंपा गया हैं.

शराबबंदी से आगे जाकर रघुवर कहते हैं कि बिहार की प्रतिभा का नीतीश ने अपमान किया है. उनके राज में शिक्षा का माहौल पूरी तरह से चौपट हो गया है. रुपयों के की ताकत पर टौपर बनाए जा रहे राज्य में असली प्रतिभा घुट-घुट कर दम तोड़ रही है. शिक्षा माफियाओं को सरकार ने पूरी छूट और संरक्षण दे रखा है. उन्होंने बिहार के प्रतिभावान छात्रों को खुला न्यौता दिया कि वे लोग उच्च शिक्षा के लिए झारखंड आएं. उन्होंने दावा किया कि झारखंड में नेशनल और इंटरनेशनल लेवल के शैक्षणिक संस्थान खोले जा रहे हैं. इंडियन स्कूल औफ माइंस, सेंट्रल यूनिवर्सिटी आईआईएम, लौ यूनिवर्सिटी, रक्षा शक्ति विश्विद्यालय, बीआईटी सिंदरी, एक्सएलआरआई जैसे संस्थान पहले से ही हाई एजुकेशन के मामले में परचम लहरा रहे हैं. इसके अलावा नेतरहाट स्कूल और सैनिक स्कूल जैसे स्कूल में नेशनल लेबल की पढ़ाई हो रही है.

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