दलितों और अल्पसंख्यकों के मुकाबले गाय नाम के पशु को हिन्दू धर्म के पेरोकर और गौ रक्षक ज्यादा  मुनाफेदार और अहम मानते हैं कि उनको प्रताड़ित करने के अलावा मौका मिलने पर उनकी हत्या करने तक में नहीं हिचकिचाते. इसकी ताजा और शर्मनाक मिसाल 27 जुलाई को मध्य प्रदेश के मंदसौर रेल्वे स्टेशन पर बेहद हिंसक और अमानवीय तरीके से देखने में आई .

एक वायरल हुए विडियो में साफ साफ देखा गया कि कथित गौ रक्षक दो मुस्लिम महिलाओं की निर्ममता पूर्वक धुनाई कर रहे हैं और मौजूदा भीड़ और मुसाफिरों की हिफाजत की ज़िम्मेदारी लेने बाले पुलिस कर्मी बजाय उनके बचाव के तमाशवीनों की तरह हिन्दू धर्म में वर्णित यत्र नारी पूज्यन्ते तत्र ......का तमाशा इन औरतों की `पूजा `होते देख रहे हैं . इस कांड पर देशव्यापी हल्ला मचा और बसपा प्रमुख मायावती ने राज्यसभा में सरकार को आड़े हाथों लेते केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकबी को लगभग लताड़ लगते हुये कहा कि श्रीमान नकबी , मैं आप से पूछना चाहती हूं ,आपके समुदाय की महिलाओं पर हमला किया जा रहा है . सदन में आपको जबाब देना चाहिए . गौ संरक्षण के नाम पर मुस्लिम महिलाओं पर हमला किया जा रहा है . यह शर्मनाक और अस्वीकार्य है भाजपा नारा लगाती है कि महिलाओं के सम्मान में भाजपा मैदान में , वहीं उसके शासित राज्य में महिलाओं की पिटाई की जा रही है .

इस पर खिसियाए नकबी का जबाब यह था कि हमारा मानना है कि देश कानून और संविधान से चलता है डंडे से नहीं राज्य सरकार ने इस बारे में कार्रवाई की है. लेकिन देश धर्म और हिन्दुत्व की आड़ मे कैसे डंडे और लात घूंसों के अलावा औरतों को गालियां देने से चल रहा है यह मंदसौर की घटना से एक बार फिर उजागर हो चुका था. इधर मध्य प्रदेश विधानसभा परिसर में पत्रकारों के सवालों का जबाब देते हुये गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने माना कि इन महिलाओं के पास से गौ मांस नहीं मिला है लेकिन वे अवैध रूप से रेलगाड़ी में मांस का परिवहन कर रहीं थीं.

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