एक माह की तैयारी के बाद केन्द्र सरकार के आयुष विभाग ने योग दिवस को ब्रांडेड इवेंट बना दिया है. करोडों रूपयों के खर्च करने से जनता को क्या मिलेगा यह बात सोचने की फुरसत न तो भाजपा की केन्द्र सरकार को है और न ही किसी विपक्षी दल को. जनता को योग के रंग में रंगने के बहाने आयुष विभाग ने घरघर तक योग की चर्चा करने और उसे फैशनेबल इवेंट बनाने का काम किया है. योग करते समय सभी को नीली सफेद रंग की टी शर्ट पहननी है. काले रंग का ट्राउजर पहनना है. भगवा रंग में रंगे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में नीले रंग को तरजीह दी गई है. अब तक भाजपा नीले रंग को बसपा पार्टी का रंग मान कर इससे परहेज करती रही है. पिछले योग दिवस में नारंगी रंग की टीशर्ट का रंग दिखा था.

योग करने के लिये अलग अलग रंगों की मैट यानि चटाई का प्रयोग किया जायेगा, इसमें भी नीला रंग प्रमुख रूप से दिखेगा. चटाई और टीशर्ट का रंग अलग अलग न दिखे, इसके लिये यह दोनों ही योग स्थल पर प्रतिभागियों को आयुष विभाग की तरफ से मुफ्त में दी गई. जिस समय योग के लिये रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया था उस समय ही किस साइज की टीशर्ट की जरूरत है यह समझ लिया गया था. यही नहीं योग करते समय अपने जूतो को खुले में नहीं रखना इसके लिये आयुष विभाग के द्वारा जूते रखने के लिये एक बैग अलग से दिया जायेगा.

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