बिहार में शराबबंदी के अपने फेैसले पर इतराते मुख्यमंत्राी नीतीश का नशा कन्हैया कुमार ने एक झटके में उतार डाला है. जेएनयू छात्रा संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा है कि अपराध् और झगड़ों को रोकने के लिए तो यह सही कदम है. इससे गरीबों को काफी पफायदा होगा. गरीबों की मेहनत की कमाई शराब में बर्बाद नहीं होगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कह कर नीतीश को तगड़ा झटका दे डाला  कि समूचे देश में शराबबंदी लागू करना बहुत बड़ा मसला है. इसके लिए समाज की मनोदशा को पढ़ना और समझना जरूरी है. कन्हैया ने साफ तौर पर शराबबंदी की ध्ज्जियां उड़ते हुए कहा कि होना तो यही चाहिए कि जो शराब पीना चाहते हैं, वो पीएं और जो नहीं पीना चाहते हों, वह नहीं पीएं. यह कह कर उन्होंने साफ कर दिया कि वह शराब पीने की भी ‘आजादी’ चाहते हैं. उसने माना कि लोकतांत्रिक नजरिए से देखा जाए तो वह शराबबंदी के फैसले के पक्ष में नहीं हैं.

गौरतलब है कि पिछले एक अप्रैल से देसी शराब पर रोक लगाई गई थी और 5 अप्रैल से विदेशी शराब और ताड़ी पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. सरकार के इस फैसले के बाद बिहार पूरी तरह ‘ड्राइ स्टेट’ बन गया है. राज्य में किसी भी तरह की शराब बेचने, खरीदने और पीने पर रोक है. होटलों, क्लबों, बार और रेस्टोरेंट में भी जाम का छलकना और टकराना बंद है. शराब बेचते, खरीदते और पीते पकड़े जाने वालों को 10 साल की कैद की सजा हो सकती है.

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