योगासन के जरीये जनता का मन जीतने में लगी सरकार को ‘किसान योग’ परेशान कर रहा है. मध्य प्रदेश के मंदसौर से लगी आग का धुंआ अब दूसरे प्रदेशों तक पहुंच रहा है. उत्तर प्रदेश में 36 हजार करोड़ की लोन माफी के बाद भी किसान अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा के किसान भी आंदोलन की राह पर हैं. किसान की आय दोगुनी करने का झांसा भी अब काम नहीं आ रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी है. नोटबंदी के बाद छोटे किसान दूसरे शहरों से अपना कामधंधा छोड़ कर अपने गांव आ गये हैं. गांव में खेती में उनको मुनाफा नहीं हो रहा. ऐसे में वह परेशान हो रहे हैं. बढ़ती मंहगाई और बेराजगारी ने किसानों को प्रभावित किया है और वह अब सरकार के खिलाफ गुस्से में है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 और 21 जून को रहेंगे. 21 जून को वह योग दिवस के मौके पर योग करेंगे. सरकार अलग अलग संस्थाओं के जरीये योग का प्रचार कर रही है. जिसके तहत एक माह के विशेष योग शिविर आयोजित किये गये. इनका समापन भी 21 जून को हो रहा है. जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योग करेंगे, किसान लखनऊ के हाईवे जाम करेंगे. जिससे वह अपना विरोध प्रधानमंत्री के समक्ष रख सकें. भारतीय किसान यूनियन लखनऊ के मंडल अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा कहते है कि ‘21 जून को लखनऊ सहित पूरे मंडल में किसान हाइवे पर सुबह 5 बजे से 9 बजे तक योगासन कर अपना विरोध दर्ज करायेंगे.’

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