मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन मंत्री लाल सिंह आर्य के खिलाफ भिंड जिले की एक अदालत ने हत्या के एक चर्चित मामले में अपराधी मानते उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है, इसके बाद भी मुख्य मंत्री शिवराजसिंह चौहान उन्हे बर्खास्त नहीं कर रहे हैं. इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस ने आक्रामक रुख अख़्तियार कर रखा है, लेकिन हाल फिलहाल उसकी आवाज नक्कारखाने में तूती जैसी साबित हो रही है. कांग्रेसी सीएम हाउस और राजभवन पर धरने प्रदर्शन कर चुके हैं और अब जनता के बीच जाने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि मुद्दे में दम है.

विधान सभा में कांग्रेसी नेता अजय सिंह इस सुनहरे मौके को भुनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. उनकी इन दलीलों में वजन तो है कि आर्य का मंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक है और भाजपा अब मनमानी पर उतारू हो आई है. राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली के नाम दिये ज्ञापन में कांग्रेस ने साफ कहा है कि राज्य मंत्रिमंडल का ऐसा सदस्य जो हत्या का आरोपी हो पद पर कैसे रह सकता है. संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राज्यपाल को यह अधिकार है कि वे लाल सिंह आर्य को मंत्रिमंडल से बरख्वास्त करें.

अपनी बात में दम लाने अजय सिंह ने ऐसे ही दो पुराने मामलों का हवाला देते कहा है कि उमा भारती के सीएम रहते कर्नाटक की हुबली द्वारा जारी एक समन जारी होने पर उन्होंने पद से त्यागपत्र दे दिया था और एक अन्य मंत्री अनूप मिश्रा से भाजपा ने इस्तीफा ले लिया था जबकि वे सीधे आरोपी नहीं थे.

यह है मामला

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