समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में वे पार्टी को भारी बहुमत से जिता कर सत्ता में लाए थे. अखिलेश यादव के नेतृत्व में पहली बार उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को बहुमत से सरकार बनाने का मौका मिला. वे प्रदेश के सब से युवा मुख्यमंत्री हैं. मुख्यमंत्री बनने से पहले वे लोकसभा सदस्य भी रह चुके थे. उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से देश का सब से बड़ा प्रदेश है. किसी प्रदेश का युवा मुख्यमंत्री पहचान के संकट से गुजर रहा हो तो सोचने वाली बात है. अखिलेश ने यह खुद माना कि दूरदराज के गांव में लोग उन को नहीं पहचानते. मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव ने जब से कामकाज शुरू किया है तब से उन का यह संकट बना हुआ है. समाजवादी पार्टी के विरोधी कहते थे कि प्रदेश को 5 मुख्यमंत्री मिल कर चला रहे हैं. तब सपा इसे विरोधियों की साजिश बताती थी. 3 साल बाद जब अखिलेश खुद मानते हैं कि लोग उन को नहीं पहचानते तो लगता है कि मुख्यमंत्री पहचान के संकट से गुजर रहे हैं. किस्सा कुछ इस तरह है--अखिलेश यादव राजधानी लखनऊ से दूर गांव में लोगों को राहत चैक बांटने गए थे. चैक बांटते समय उन्होंने पूछा कि यह पैसा कौन दे रहा है? उस महिला ने कहा - सरकार दे रही है. इस के बाद उन्होंने पूछा, प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन है तो वह महिला कोई जवाब नहीं दे पाई. अपनी सरकार की पहचान पर कुछ और सवाल भी हुए जिन के जवाब सुन कर अखिलेश यादव खुश नहीं हुए. वे वापस राजधानी लखनऊ आए तो मीडिया को इस का जिम्मेदार माना और कहा कि उन के सरकार के कामकाज को सही तरह से जनता के बीच नहीं पहुंचाया जा रहा है.

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