सोनी सोरी एक जुझारू और दुस्साहसी आदिवासी युवती हैं जो लंबे वक्त से आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ रही हैं. उन्हें बस्तर में खासा समर्थन भी हासिल है. पिछले साल एक रैली में 10 हजार आदिवासी महिलाएं उन की आवाज पर इकट्ठा हुई थीं तो हर कोई हैरत में पड़ गया था. अब आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं सोनी बीते दिनों जब छत्तीसगढ़ पहुंचीं तो हमलावरों ने उन के चेहरे पर तेजाब फेंक दिया. उल्लेखनीय बात यह है कि सोनी नक्सलियों की तरह हिंसा में भरोसा नहीं करतीं. इस के बाद भी छत्तीसगढ़ राज्य की पुलिस जाने क्यों उन पर कहर ढाती रहती है. एक बार उन पर झूठे आरोप लगा कर हिरासत में ले कर पुलिस ने उन के गुप्तांगों में पत्थर भर दिए थे. तब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इलाज के लिए कोलकाता भेजा था. अब तेजाब किस ने फेंका, इस पर कोई गंभीर नहीं. मानो, आदिवासी हितों की बात और उन के लिए काम करना कोई गुनाह हो.

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