यूनाइटेड किंगडम के कु ल्युवेन विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला में डा. मारटेन लारमूसीयू द्वारा किए एक अध्ययन में पाया गया कि यूके की 2% संतानें गैरपिता से उत्पन्न हैं. अब प्रश्न यह उठता है कि इतने बड़े स्तर पर लोग बेवफाई में लिप्त क्यों हैं, जबकि बेवफाई, भावनात्मक व यौन विशिष्टता के संदर्भ में किए गए विवाह अनुबंध का उल्लंघन है?

वर्तमान समय में विभिन्न पत्रपत्रिकाओं द्वारा किए गए सर्वे भी इसी बात को इंगित करते हैं कि भारत में भी 25 से 30% विवाहित महिलाएं समयअसमय पर अपने पति के अतिरिक्त अन्य पुरुषों के साथ अपनी कामवासना शांत करती हैं. भले ही यह अतिशयोक्ति लगती हो, लेकिन सच को नकारा नहीं जा सकता. जो महिलाएं बहुत सीधीसादी व गंभीर दिखती हैं वे भी विवाहशादियों व सामाजिक मेलमिलाप के अवसरों पर अपने लिए किसी ऐसे व्यक्ति की खोज में रहती हैं, जो उन की कामवासना को दबेछिपे शांत कर सके.

अधिकतर लोग यह जानते हुए भी कि उन की पत्नियां उन के प्रति वफादार नहीं हैं, तो भी वे इस सत्य को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने से कतराते हैं. कई लोग तो जानबूझ कर भी ऐसा सिद्ध करने की कोशिश करते हैं कि उन की पत्नी उन के प्रति पूरी वफादार है.

1950 के आरंभ में किंसे द्वारा जारी किए सर्वे में बताया गया था कि  विवाह पूर्र्व शारीरिक संबंधों की तुलना में विवाहेतर संबंधों की संख्या अधिक है. किंसे ने लिखा था कि उन के द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने वालों में से 50% विवाहित पुरुषों के तथा 25% विवाहित महिलाओं के विवाहेतर संबंध थे.

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