बच्चों को भी साफसफाई और स्वस्थ आदतों के बारे में समझाना चाहिए. साफसुथरा रहने से वे न केवल स्वस्थ रहेंगे, बल्कि उन का आकर्षण और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा. बचपन की आदतें हमेशा बनी रहती हैं इसलिए जरूरी है कि वे बचपन से ही हाइजीन के गुर सीखें.

ओरल हाइजीन

ओरल हाइजीन प्रत्येक बच्चे की दिनचर्या का एक प्रमुख अंग होना चाहिए. ऐसा करने से बच्चा कई बीमारियों जैसे कैविटी, सांस की बदबू और दिल की बीमारियों से बचा रहेगा.

क्या करें

- बच्चे ध्यान रखें कि रोजाना दिन में 2 बार कम से कम 2 मिनट के लिए अपने दांतों को ब्रश से साफ करें. खासतौर पर खाना खाने के बाद सफाई बहुत ही जरूरी है.

- बच्चे कम उम्र से ही रोजाना ब्रश और कुल्ला करने की आदत डालें.

- टंग क्लीनर से जीभ साफ करना सीखें.

- बच्चे के दांतों की नियमित रूप से जांच करवाएं.

बौडी हाइजीन

- बच्चे रोज नहाने की आदत डालें. रोज नहाने से शरीर तो साफ रहता ही है, मृत त्वचा भी निकल जाती है.

- बच्चे नहाते समय शरीर के विभिन्न भागों जैसे हाथों, पैरों, पंजों, जोड़ों, बगलों, कमर, नाभि, घुटनों आदि को अच्छी तरह साफ करें.

- अपना अंडरवियर रोज बदलें और नहा कर साफ कपड़े पहनें.

- बच्चे सप्ताह में 2 बार बालों को शैंपू से धोने की आदत डालें ताकि बालों से तेल और गंदगी अच्छी तरह निकल जाए.

हैंड हाइजीन

- बच्चे में हाथ धोने की आदत डालें. उन्हें पता होना चाहिए कि हाथ धोने में थोड़ा समय लगता है. हाथ धोना रोगाणुओं को फैलने से रोकने और बीमार पड़ने से बचाने का सब से महत्त्वपूर्ण तरीका है.

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