टैनिंग, रूखापन, काले घेरे, दागधब्बे, मुंहासे जैसी त्वचा की समस्याएं महिलाओं के लिए चिंता का विषय बन जाती हैं. महिलाएं इन से छुटकारा पाने के लिए कई घरेलू नुसखों से ले कर क्लीनिकल उपचार तक अपनाती हैं. लेकिन या तो उन से कोई फायदा नहीं होता या फिर कुछ साइड इफैक्ट देखे जाते हैं. ऐसे में सेहतमंद व दमकती त्वचा के लिए ये प्रमुख क्लीनिकल ट्रीटमैंट्स अपनाएं:

कैमिकल पीलस: कैमिकल पील में बाहरी परत को हुए नुकसान को हटाते हुए त्वचा के टैक्स्चर को स्मूद करने के लिए एक कैमिकल सौल्युशन का इस्तेमाल किया जाता है. इस उपचार की एक खामी यह है कि यह प्रक्रिया काली त्वचा वाले मरीजों पर असर नहीं करती. इस के साथ ही इन्फैक्शन, त्वचा रोग, कट या ब्रोकन स्किन, सनबर्न या फिर अन्य गंभीर त्वचा रोगों से ग्रस्त महिलाओं को भी यह उपचार कराने की सलाह नहीं दी जाती है. यह उपचार प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा ही कराया जाए.

माइक्रोडर्माब्रेशन: माइक्रोडर्माबे्रशन में माइक्रोक्रिस्टल्स का इस्तेमाल त्वचा की सब से बाहरी परत को हटाने के लिए किया जाता है ताकि नई, स्वस्थ त्वचा बाहर आ सके. इस प्रक्रिया से महीन रेखाएं, झुर्रियां, धूप से खराब हुई त्वचा, दागों, मुंहासों आदि का बेहतरीन इलाज किया जा सकता है.

लेजर लाइट ट्रीटमैंट: इस तकनीक में लाइट की छोटी और कंसंट्रेटेड बीम्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो त्वचा की गहराई में जा कर त्वचा संबंधी विभिन्न परेशानियों को टारगेट करती हैं. ये उन्हें जड़ से ठीक करती हैं. जहां बाकी स्किन ट्रीटमैंट्स का असर हफ्तों बाद नजर आता है, वहीं लेजर लाइट ट्रीटमैंट का असर तुरंत देखा जा सकता है.

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